Janaki Temple Punaura Dham: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को बिहार के पुनौराधाम में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर माता जानकी मंदिर की आधारशिला रखेंगे। 151 फीट ऊंचे इस मंदिर में धार्मिक और पर्यटन संबंधी सुविधाएं शामिल होंगी।

Bihar News: अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तर्ज पर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भी माता जानकी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंदिर परिसर का शिलान्यास करेंगे। इस भव्य समारोह को विशेष रूप से भव्य और पवित्र बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इस समारोह में जयपुर से विशेष रजत कलश, भारत के 21 प्रमुख तीर्थों की मिट्टी और 31 पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा। दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह यहां भी 50 हजार पैकेट लड्डू बनाए जा रहे हैं। लड्डू बनाने के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ कारीगर भी विशेष रूप से आए हैं। इन लड्डुओं का संकल्प स्नान गंगा सहित 11 पवित्र नदियों के जल से किया जाएगा, जिससे कार्यक्रम की दिव्यता और बढ़ जाएगी।

67 एकड़ में किया जाएगा मंदिर का निर्माण

मंदिर का निर्माण 67 एकड़ में किया जाएगा, जिसमें 151 फीट ऊंचा भव्य मंदिर बनाया जाएगा, जिसे वर्ष 2028 तक पूरा करने की योजना है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई आधुनिक और सांस्कृतिक सुविधाएं शामिल होंगी। इसमें यज्ञ मंडप, संग्रहालय, सभागार, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल का मैदान, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, भजन संध्या स्थल, यात्री शयनगृह भवन, यात्री अतिथि गृह, ई-कार्ट स्टेशन, मिथिला हाट, पार्किंग, सड़क प्रदर्शनी और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

सीएम के अलावा कई केंद्रीय और राज्य मंत्री होंगे शामिल

मंदिर परिसर में माता सीता से जुड़े ऐतिहासिक साक्ष्यों, तथ्यों और कहानियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। इसके अलावा, कार्यक्रम के तहत माता जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई केंद्रीय और राज्य मंत्री शामिल होंगे। इसके साथ ही, इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए राज्य और देश भर से बड़ी संख्या में संत और हजारों श्रद्धालु भी मौजूद रहेंगे।

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मंदिर के निर्माण 882 करोड़ 87 लाख रुपए होंगे खर्च

बिहार पर्यटन विभाग ने इस मंदिर के निर्माण हेतु युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें। कुल मिलाकर, इस परियोजना पर लगभग ₹882 करोड़ 87 लाख खर्च होने का अनुमान है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि इस क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति का भी विकास करेगा। यह परियोजना मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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