गोपालगंज. यह कहानी एक महिला के जुनून की है। अगर कुछ करने का जज्बा हो, तो शहर-गांव का परिवेश कोई आड़े नहीं आता। प्रमिता सिंह इसका उदाहरण हैं। वे अपनी ससुराल से दूर रहकर दिल्ली में UPPSC की तैयारी करती रही थीं। 2017 में उन्होंने एग्जाम क्लियर किया। अब वे यूपी में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। प्रमिता सिंह धनतेरस के पहले ढाई-तीन साल बाद अपनी ससुराल लौटीं, तो उनका गांववालों ने जबर्दस्त स्वागत किया। उनके स्वागत में मानों पूरा गांव उमड़ पड़ा। प्रमिता की ससुराल गोपालगंज जिले के कुचायकोट के जलालपुर गांव में है। प्रमिता की शादी 2016 में दुर्गेश सिंह से हुई थी। दुर्गेश बिजनेसमैन हैं। शादी के बाद प्रमिता सिंह ने पढ़ाई करने की इच्छा जताई थी। पति ने उनका पूरा सहयोग हुआ। उन्होंने प्रमिता को पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा। वहां वे हॉस्टल में रहीं। प्रमिता ने 2017 में UPPSC क्लियर किया।