सार
यह तस्वीर 12 अप्रैल की है, जब पलवल जिले के हथीन कस्बे के गांवों में आयोजित जनसंवाद के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पहुंचे थे। चौपाल पर समय बिताने के दौरान एक टीचर हुकम सिंह ने खट्टर को उनके बचपन में स्कूल की याद दिलाई।
पलवल. यह तस्वीर 12 अप्रैल की है, जब पलवल जिले के हथीन कस्बे के गांवों में आयोजित जनसंवाद के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पहुंचे थे। चौपाल पर समय बिताने के दौरान एक टीचर हुकम सिंह ने खट्टर को उनके बचपन में स्कूल की याद दिलाई। वे अपने साथ स्कूल की 53 साल पुरानी तस्वीर लेकर आए थे। जैसे ही खट्टर ने अपने गुरुजी को पहचाना उन्होंने भावुक होकर उनके पैर छू लिए।pic.twitter.com/VVM3H0qNqQ
खट्टर ने tweet करके अपने गुरुजी को दिया सम्मान
मनोहरलाल खट्टर ने इस घटना को अपने twitter हैंडल पर भी शेयर किया। उन्होंने लिखा-
रुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
आज मेरे लिए अत्यंत भावुक क्षण था जब पलवल में, मैं अपने गुरु से जनसंवाद कार्यक्रम में मिला। जो भी हूं, जहां भी हूं गुरुओं के आशीर्वाद से हूं। चरित्र निर्माण और ईमानदारी के जो मंत्र मैंने सीखे उनके कारण आज हरियाणा एक-हरियाणवी एक के भाव से मैं सभी के लिए अथक परिश्रम कर रहा हूं। पूजनीय गुरुजी के चरण स्पर्श कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
एक अन्य tweet में खट्टर ने लिखा-जिसने समाज के लिए काम और सेवा करने की सीख दी, आज 50 साल बाद उन्हीं शिक्षक से समाज की सेवा करते हुए आशीर्वाद मिला...।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले जनसंवाद
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले ये जनसंवाद का कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। 2024 में लोकसभा और फिर अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हरियाणा में साढ़े 3 साल से भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार चला रहा है।
इस दौरान उनके टीचर हुकम सिंह 53 साल पुरानी जो तस्वीर लेकर आए थे, उसमें खुद पर उंगुली रखते हुए खट्टर ने पूछा कि उन्होंने सही उंगुली रखी है न? इस पर उनके गुरुजी सिर्फ मुस्कराए, तो खट्टर ने उनके पैर छुए। जब सीएम हथीन हल्के में थे, तब उनके शिक्षक हुकम सिंह कोइ सका पता चला, वो उनसे मिलने जा पहुंचे थे।
ये तस्वीर 53 साल पहले यानी 1969-70 के सत्र में 10वीं कक्षा पास करने के बाद रोहतक जिले में गांव भाली के स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की थी। इसमें खट्टर भी थे।
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