क्या हरियाणा में कांग्रेस फिर देगी बीजेपी को चौंकाने वाली टक्कर?
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राजनीतिक दिग्गज पार्टी कांग्रेस को बीजेपी ने तगड़ा झटका दिया था। लगातार तीन बार केंद्र में सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी की नजर अब एक बार फिर हरियाणा पर है।
राजनीति में अभी छोटी उम्र वाली जेजेपी ने पांच साल पहले कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह मात दी थी। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अलग मंच से चुनाव लड़कर 14.84 प्रतिशत वोटों के साथ 10 विधानसभा सीटें जीती थीं। चुनावों के बाद राज्य में गठबंधन सरकार चलाई। हालांकि, 2019 में 58.2 प्रतिशत रहे भारतीय जनता पार्टी के वोट प्रतिशत में 2024 तक 46.11 प्रतिशत की गिरावट आई है।
2024 में इंडिया ब्लॉक का वोट प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा रहा। नौ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को 43.67 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एक सीट (कुरुक्षेत्र) पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी को 3.94 प्रतिशत वोट मिले। विपक्षी दलों को कुल मिलाकर 47.61 प्रतिशत वोट मिले।
विश्लेषकों का अनुमान है कि इस बार हरियाणा में बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ेगा। मार्च में पंजाबी मूल के मनोहर लाल खट्टर की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग के नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया। सैनी ने हाल ही में सामाजिक कार्यक्रमों के बारे में घोषणाएं की हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन में सभी रिक्त पदों को जल्द भरने का आश्वासन दिया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस में अंदरूनी कलह को एक और प्रतिनिधि ने उजागर किया है। हालांकि, कांग्रेस के विश्लेषकों का मानना है कि 2014, 2019 के चुनावों की तरह 2024 के विधानसभा चुनावों को जाट बनाम गैर-जाट सामाजिक समूह के चुनाव के रूप में चित्रित करना मुश्किल होगा।
अग्निपथ योजना, बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट, कई "पेपर लीक" की घटनाओं सहित कई मुद्दों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा-उदय भान की जोड़ी ने सफलतापूर्वक प्रचार किया। कांग्रेस की राज्य इकाई का नेतृत्व कर रहे दलित नेता भान ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 6,000 रुपये वृद्धावस्था पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया है।
पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन ने पांच-पांच संसदीय सीटें जीती थीं। दस में से चार सीटों पर पचास हजार से कम वोटों के अंतर से बीजेपी और कांग्रेस जीती थीं। इनमें अंबाला, सोनीपत सीटें कांग्रेस ने जीतीं, जबकि भिवानी-महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र सीटें बीजेपी ने जीतीं।