सार
एक्स जर्नलिस्ट कनुप्रिया सहगल की दिसंबर, 2019 में एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत का मामला फिर से सुर्खियों में है। उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों थॉमस कुक और रेड एप्पल ट्रैवल को 50 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली. NDTV की एक्स जर्नलिस्ट और न्यूज एंकर कनुप्रिया सहगल की दिसंबर, 2019 में एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत का मामला फिर से सुर्खियों में है। उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम(Consumer Disputes Redressal Forum) ने प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों थॉमस कुक और रेड एप्पल ट्रैवल को कनुप्रिया के पति को 50 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। श्रीलंका की यात्रा के दौरान एक सड़क दुर्घटना में कनु्प्रिया, उनके बेटे और पिता की मौत हो गई थी।
NDTV की एक्स जर्नलिस्ट और न्यूज एंकर कनुप्रिया सहगल केस, सड़क हादसे में मौत पर कंज्यूमर फोरम का अहम फैसला
कनुप्रिया सहगल अपने बेटे श्रेया सहगल और पिता प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल के साथ श्रीलंका टूर पर थीं। तभी उनकी वैन कोलंबो में एक कंटेनर ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में वैन के 52 वर्षीय ड्राइवर की भी मौत हो गई। हादसे में कनुप्रिया के पति योगेश सहगल और उनकी बेटी ऐश्वर्या सहगल को गंभीर चोटें आई थीं।
लगभग 4 साल बाद उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने ट्रैवल एजेंसियों को योगेश सहगल को मुआवजा देने का निर्देश दिया।
फोरम ने अपने आदेश में कहा- "अपोजिशन पार्टीज (थॉमस कुक और रेड एप्पल ट्रैवल) की ओर से उनके द्वारा काम पर रखे गए ड्राइवर की लापरवाही /कमी है और उन्हें यह कहकर इसकी जिम्मेदारी और संबंधित दायित्व से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि यह केवल बुकिंग थी।''
जर्नलिस्ट कनुप्रिया सहगल एक्सिडेंटल डेथ, कन्ज्यूमर फोरम का सड़क हादसे पर ऐतिहासिक फैसला
सूत्रों ने बताया कि सहगल परिवार सेवाओं में लापरवाही और कमी, अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और कानूनी कार्यवाही की लागत के लिए थॉमस कुक और रेड एप्पल ट्रैवल के खिलाफ फोरम में गया था। उन्होंने 8.99 करोड़ का हर्जाना मांगा था।
अपनी शिकायत में योगेश सहगल ने कहा कि वह अपनी पत्नी और बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए, जो दिल्ली में हुआ था, क्योंकि उन्हें कई फ्रैक्चर हुए थे और वह श्रीलंका के एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे।
अपनी पत्नी और ससुर को खोने से उसकी सास पर बहुत गहरा असर पड़ा, क्योंकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग हैं। उन्होंने कहा, उनकी बेटी गंभीर मानसिक आघात से जूझ रही है। वह सामान्य रूप से चलने में असमर्थ है और सोने या लोगों से बातचीत करने में उसे कठिनाई होती है।"
फोरम ने कहा कि ट्रैवल एजेंसियों को तीन महीने के भीतर 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलकर और अलग-अलग देना होगा, ऐसा न करने पर उन्हें 10 लाख रुपये और देने होंगे।
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