Anand Gujarat Truck Rescue: गुजरात के आनंद में 9 जुलाई को गिरे गंभीरा ब्रिज पर फंसे ट्रक को 27 दिन बाद समुद्री विशेषज्ञों ने निकाला। हाईटेक रेस्क्यू में 60 लोगों की टीम ने 900 मीटर दूर से सुरक्षित निकाल कर पूरा किया मिशन। जानिए ऑपरेशन की पूरी कहानी।

Gambhira Bridge Collapse Gujarat: गुजरात के आनंद जिले में 9 जुलाई को हुए गंभीरा ब्रिज हादसे के बाद एक ट्रक महिसागर नदी में ऐसा फंसा कि 27 दिनों तक उसका कोई अता-पता नहीं था। 20 से ज्यादा लोगों की मौत और कई घायल हुए, लेकिन इस ट्रक का रेस्क्यू बना रहा रहस्य का विषय। अब इस मिशन को आखिरकार अंजाम दिया गया है-वो भी देश की सबसे एडवांस Marine Emergency Rescue Team की मदद से।

ट्रक को निकालना क्यों बना ‘Impossible Rescue Mission’?

गंभीरा ब्रिज की संरचनात्मक अखंडता (Structural Integrity) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। पुल पर कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला जा सकता था, जिससे पारंपरिक रेस्क्यू ऑपरेशन संभव नहीं था। ऐसे में सरकार ने पोरबंदर की MERC टीम (Marine Emergency Response Centre) को बुलाया, जिसने हाईटेक उपकरणों और विशेष हाइड्रोलिक स्टैंड जैक का उपयोग करके ट्रक को 900 मीटर दूर से खींचकर बाहर निकाला।

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किन हाईटेक तकनीकों और इंजीनियरिंग स्ट्रैटेजी का हुआ इस्तेमाल?

विशेषज्ञों की 60 सदस्यीय टीम ने पानी के अंदर रिमोट ऑब्जर्वेशन, स्ट्रक्चरल एनालिसिस और हाइड्रोलिक ट्रॉलीज़ के ज़रिए ट्रक को धीरे-धीरे सरकाया। टीम ने मिशन को कई स्तरों पर टेस्ट किया और फाइनल एक्शन में कोई भी रिस्क नहीं लिया गया।

कौन हैं इस मिशन के हीरो और क्या है अगला कदम? 

इस ट्रक को रेस्क्यू करने में अहम भूमिका निभाई गुजरात के आणंद के कलेक्टर प्रवीण चौधरी और विशेष मरीन इंजीनियरों की टीम ने। इनकी सूझबूझ और तकनीकी दक्षता ने एक असंभव लगने वाले मिशन को सफल बनाया। कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने कहा कि यह देश का सबसे मुश्किल ट्रक रेस्क्यू मिशन था। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है। अब ट्रक के जांच से क्या राज़ खुलेंगे, ये देखना होगा।

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