सार
दिल्ली पुलिस ने रेलवे में नौकरी के नाम पर चल रहे एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि अंतरराज्यीय रेलवे नौकरी रैकेट(interstate railway job racket) में शामिल होने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने रेलवे में नौकरी के नाम पर चल रहे एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि अंतरराज्यीय रेलवे नौकरी रैकेट(interstate railway job racket) में शामिल होने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान शिवरामन, विकास राणा, दुबे, राहुल चौधरी और अन्य के रूप में हुई है। हालांकि आरोपी बहुत पहले पकड़े जा चुके थे, लेकिन पुलिस लगातार जांच कर रही थी।
रेलवे में जॉब के नाम पर फ्रॉड, अलर्ट रहें
दिल्ली पुलिस ने बताया कि रेलवे में नौकरी के आफर के बहाने धोखाधड़ी और फॉर्जेरी के क्राइम के लिए आरोपी के खिलाफ तमिलनाडु के निवासी एम सुब्बुसामी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह एक अन्य परिचित के माध्यम से शिवरामन के संपर्क में आया।
शिवरामन ने उन्हें पैसों के बदले रेलवे में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का आफर दिया। उसके बाद शिकायतकर्ता ने शिवरामन को तमिलनाडु के नौकरी चाहने वालों के बारे में बताया, जो दिल्ली आए थे। यहां उनका परिचय कनॉट प्लेस में एक विकास राणा से हुआ। विकास राणा ने खुद को उत्तर रेलवे का डिप्टी डायरेक्टर और एक आईआरटीएस अधिकारी होने का दावा किया था।
रेलवे में नौकरी दिलाने की गारंटी के फ्राड से बचें
शिकायत में कहा गया कि शिवरामन और विकास राणा ने उन्हें सीधे कोटे के तहत भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देने का आश्वासन दिया। शिकायतकर्ताओं ने रेलवे में अपने जॉब के लिए शिवरामन को एक बड़ी राशि का भुगतान किया और कथित व्यक्तियों ने एक से तीन महीने की जॉब ट्रेनिंग दी। बाद में एक ट्रेनिंग पूरी करने का जाली सर्टिफिकेट और जॉब ऑफर लेटर दिया। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की।
इंडियन रेलवे में 10-15 लाख में जॉब का आफर
आरोपी और सहयोगी खुद को रेलवे के सीनियर आफिसर के रूप में पेश करते हुए नौकरी चाहने वालों और बेरोजगार युवाओं को 10 से 15 लाख रुपये की मोटी रकम पर भारतीय रेलवे में नौकरी देने का वादा करते थे।
जांच में आरोपी व्यक्तियों के बैंक अकाउंट में बड़ी रकम के लेन-देन का पता चला, जिससे पुष्टि हुई कि शिकायतकर्ताओं से भुगतान प्राप्त किया गया था।
इसके अलावा, कुछ पीड़ितों के कब्जे से जाली दस्तावेज जब्त किए गए थे, जो कथित रूप से आरोपियों द्वारा उन्हें दिए गए थे।
रेलवे भर्ती बोर्ड उत्तर रेलवे ने कभी भी शिकायतकर्ताओं को दिए गए दस्तावेज जारी नहीं किए, जिससे यह साबित हो गया कि ये आरोपी व्यक्तियों द्वारा एक दूसरे की मिलीभगत से बनाए गए थे।
रेलवे में जॉब के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले ये हुए गिरफ्तार
आरोपी शिवरामन को 29 दिसंबर, 2022 को नौकर क्वार्टर 3 महादेव रोड, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जबकि आरोपी विकास राणा को 24 जनवरी, 2023 को भारत-नेपाल सीमा जिले से गिरफ्तार किया गया था।
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) के आरोपी रजनीश कुमार पांडेय उर्फ सत्येंद्र दुबे को बिहार के दानापुर (पटना) से चार मई को और आरोपी राहुल को पंडित पंत मार्ग, नई दिल्ली से छह मई को गिरफ्तार किया गया है।
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