जमशेदपुर, झारखंड. आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है! लेकिन आविष्कार भी वे ही लोग कर पाते हैं, जो यह नहीं सोचते कि दुनिया क्या कहेगी? वे बस अपने इनोवेटिव आइडियाज को साकार करने में जुट जाते हैं। भारत में देसी जुगाड़ साइंस से कई ऐसी वस्तुएं बनती रहती हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में मददगार साबित होती हैं। कुछ लोग अपने शौक को पूरा करने देसी जुगाड़ से मोडिफाइड व्हीकल बनाते रहते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसी साइकिलों के बारे में बता रहे हैं, जो आम साइकिलों की 'बाप' हैं! मतलब, वे हर मायने में आम साइकिलों पर भारी पड़ती हैं। पेट्रोल से चलन वाले टूव्हीलर्स को ये टक्कर देती हैं। पहली तस्वीर झारखंड के जमशेदपुर में पिछले दिनों सामने आई थी। यह हैं चाईबासा स्थित सुपलसाई के रहने वाले 48 वर्षीय विलियम लेयांगी। विलियम का दावा है कि उनकी साइकिल आम साइकिल से तीन गुनी रफ्तार से दौड़ सकती है। जहां आम साइकिलें सामान्यतौर पर 18 किमी/घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं, वही यह साइकिल 54 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ती है। आइए देखते हैं ऐसी की कुछ अलग तरह की साइकिलें...