mp news: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सिंचाई जल कर पर ब्याज और पेनल्टी माफ कर दी है। अब किसानों को सिर्फ मूलधन चुकाना होगा, जिससे 35 लाख किसानों को फायदा होगा।
mp farmers debt waived: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सिंचाई जल कर से जुड़ी देनदारियों को लेकर किसानों को छूट दी है। अब किसानों को सिर्फ मूलधन (Principal Amount) चुकाना होगा, जबकि ब्याज और पेनल्टी की रकम को माफ कर दिया गया है। यह फैसला मोहन कैबिनेट की बैठक में लिया गया है, जिससे लगभग 35 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
क्या है योजना का मकसद?
राज्य सरकार का उद्देश्य साफ है, किसानों को कर्ज के बोझ से कुछ राहत देना। कृषि सिंचाई जल कर के तहत कई किसानों ने लोन लिया था, लेकिन समय पर भुगतान न होने की वजह से उन पर ब्याज और दंडात्मक राशि (Penalty) बढ़ती गई। इस कारण कई किसान मूलधन से कहीं ज्यादा कर्जदार हो गए थे।
अब सरकार ने यह तय किया है कि किसान सिर्फ उतना ही पैसा लौटाएं जितना उन्होंने लोन के तौर पर लिया था। ब्याज और पेनल्टी की राशि सरकार खुद वहन करेगी, यानी किसानों को अब यह अतिरिक्त पैसा नहीं देना होगा।
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कितनी राशि माफ की जाएगी?
मध्य प्रदेश के किसानों पर सिंचाई जलकर के अंतर्गत करीब 84.17 करोड़ रुपये का बकाया था। इस राशि में ब्याज और पेनल्टी शामिल है। अब यह पूरा हिस्सा सरकार द्वारा माफ किया जाएगा। किसानों को केवल मूलधन ही चुकाना है।
कब तक लागू रहेगी यह सुविधा?
सरकार ने इस योजना को मार्च 2026 तक लागू करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह है कि किसानों के पास अब भी एक साल से ज़्यादा का समय है अपनी देनदारी पूरी करने का। वे इस अवधि के भीतर बिना ब्याज मूलधन जमा कर सकते हैं।
क्यों जरूरी था यह कदम?
राज्य के कई किसान पहले से ही कम उत्पादन, मौसम की मार और बाजार में सही मूल्य न मिलने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में जल कर पर बढ़ती ब्याज की राशि उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ बन चुकी थी। कई किसान इस वजह से bank default की स्थिति में पहुंच गए थे। अब सरकार के इस फैसले से उन्हें राहत मिलेगी और वे फिर से मुख्यधारा में आ सकेंगे।
किसानों को होगा सीधा फायदा
इस योजना से सीधे तौर पर 35 लाख किसान परिवारों को फायदा पहुंचेगा। खासकर उन जिलों में जहां सिंचाई पर निर्भरता ज़्यादा है, वहां यह फैसला और भी ज्यादा असरदार साबित होगा। अब किसान उसी रकम को चुकाकर निपटान कर सकेंगे, जो उन्होंने शुरुआत में बैंक से ली थी, न ज्यादा, न कम।
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