Devra-Bhabhi Love Story: MP के मऊगंज में देवर ने भाभी की मांग भर इंस्टाग्राम पर वीडियो डाला और बहुती प्रपात में छलांग लगा दी। दर्द भरे इकरारनामे में परिवार पर प्रताड़ना के आरोप, अब तीन बेटियां अनाथ, और बहुती फिर बना मौत का मंच।
MP Social Pressure Suicide: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न सिर्फ समाज की सोच को झकझोर दिया, बल्कि रिश्तों की पारंपरिक सीमाओं को भी चुनौती दी। बहुती प्रपात की गहराइयों में समा जाने से पहले देवर दिनेश साहू ने जो कदम उठाया, वो अब सिर्फ आत्महत्या नहीं, एक गहरी सामाजिक व्यथा की दास्तान बन चुका है।
इंस्टाग्राम वीडियो: देवर ने भरी भाभी की मांग, फिर कहा 'अब हम थक चुके हैं'
सुसाइड से ठीक पहले सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिनेश ने अपनी भाभी शकुंतला साहू की मांग में सिंदूर भरते हुए उसे पत्नी का दर्जा दिया। यह दृश्य जितना भावुक था, उतना ही समाज के लिए चौंकाने वाला भी। वीडियो में दोनों ने स्पष्ट रूप से मानसिक प्रताड़ना और परिवार के उत्पीड़न का आरोप लगाया। दिनेश ने कहा: "हम बहुत परेशान हैं। हमारी मौत के लिए हीरालाल, राजेंद्र, संतोष और राजकुमार साहू जिम्मेदार हैं। हम सरकार से न्याय की मांग करते हैं।"
तीन मासूम बेटियां- एक दिन में हो गईं अनाथ
शकुंतला तीन बच्चियों की मां थी- 11, 8 और 2 वर्ष की। उसकी आत्महत्या ने तीन जिंदगियों को बिन मां-बाप के रास्ते पर छोड़ दिया। ये मासूम आज सवाल बन गई हैं- 'क्या माँ ने सही किया या हालातों ने जबरन करवाया?'
बहुती प्रपात: आत्महत्या का नया अड्डा बनता जा रहा ये पर्यटन स्थल?
मऊगंज का प्रसिद्ध बहुती वाटरफॉल जहां लोग सुकून की तलाश में आते हैं, वही अब मौत की गहराइयों में बदलता जा रहा है। अब तक यहां 100 से अधिक आत्महत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन न सुरक्षा रेलिंग, न चेतावनी बोर्ड, और न पुलिस की निगरानी — प्रशासन की लापरवाही हर हादसे में एक बार फिर उजागर होती है।
शवों की तलाश में जुटी एनडीआरएफ, 600 फीट नीचे बहती मौत
घटना के बाद एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। लेकिन 600 फीट ऊंचाई से गिरते जलप्रपात में शवों की तलाश अब भी चुनौती बनी हुई है। पुलिस मौके पर तैनात है, लेकिन जनसुरक्षा को लेकर उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
प्यार था या विद्रोह?
इस रिश्ते ने छोड़ी समाज में खामोशी देवर-भाभी का यह कदम सिर्फ आत्महत्या नहीं, समाज के कठोर मानकों के खिलाफ विद्रोह भी प्रतीत होता है। यह मामला प्रेम, दबाव, मानसिक पीड़ा और सामाजिक अस्वीकार्यता की जटिल परतों को उजागर करता है।
