MP Weather Aler: मध्य प्रदेश किे 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, नदी-नाले उफान पर, युवक पुल से बहा, गांवों में घुसा पानी… क्या आने वाला है और बड़ा खतरा? मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी से मचा हड़कंप | जानें पूरी अपडेट  

MP Rain District List Today: दक्षिण‑पश्चिम मॉनसून ने मध्य प्रदेश पर अपना सबसे डरावना चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने राजगढ़, झाबुआ, रतलाम, उज्जैन, आगर‑मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, अनूपपुर, शहडोल, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट—कुल 19 जिलों—के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका अर्थ है कि अगले 24–48 घंटों तक वज्रपात के साथ अति‑भारी वर्षा हो सकती है; नदी‑नाले उफान पर रहेंगे और बाढ़, भूस्खलन जैसी आपदाओं का खतरा बना रहेगा।

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येलो अलर्ट भी कम नहीं: आधे प्रदेश में बिजली गिरने की आशंका 

सीहोर, अलीराजपुर, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, अशोकनगर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, रीवा, सतना, उमरिया, कटनी, जबलपुर, सिवनी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर—इन 22 जिलों पर येलो अलर्ट है। यहाँ बादलों की तेज़ गड़गड़ाहट, बिजली गिरने और भारी बरसात की चेतावनी दी गई है। भोपाल समेत 14 अन्‍य ज़िलों में गरज‑चमक के साथ हल्की–मध्यम वर्षा के आसार हैं।

श्योपुर‑गुना: एक ही रात ने बदला भूगोल 

बीते सोमवार रात श्योपुर ज़िले का आवदा डैम ओवरफ़्लो होकर आस‑पास के गाँवों में घुस गया। बाड़ी तहसील में संत नगर पुलिया पार करते वक्त एक युवक संतुलन खो बैठा और तेज़ धार में बह गया—आँखों‑देखी विडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। उधर गुना के अजीत खो धाम का झरना उफन पड़ा; दर्शन करने पहुँचे श्रद्धालुओं को पुलिस ने सतर्क रहकर लौटाया।

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कोलार डैम की दहशत: दो दोस्त आँखों के सामने डूबे 

सीहोर ज़िले के कोलार डैम में पिकनिक मनाने गए चार दोस्तों में से दो युवकों की जान पानी ने निगल ली। कुछ ही मिनटों में हँसी‑मज़ाक चीख‑पुकार में बदल गया; गोताखोरों की टीम ने घंटों सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन दोनों के शव ही मिल सके।

6 घंटे में 174 मिमी: बरसाती आँकड़े भी डराने लगे 

पिछले 24 घंटों में पश्चिम मध्य प्रदेश के श्योपुर – बड़ौदा में 174 मिमी, मुरैना – सबलगढ़ में 152 मिमी, देवास – खातेगाँव में 140 मिमी और रतलाम – पिपलोद में 108 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम वैज्ञानिक अमित शर्मा बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में बना लो‑प्रेशर सिस्टम और अरब सागर से खिंचे साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने प्रदेश को अरबों टन नमी थमा दी है। पश्चिमी ज़िलों में बारिश की तीव्रता घट सकती है, मगर पूर्वी और मध्य MP लगातार भीगते रहेंगे।

क्या करें, क्या न करें 

  • बिजली चमके तो खुले मैदान, पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे न ठहरें।
  • नदी‑नाले पार करने से पहले जलस्तर ज़रूर जाँचें; सोशल मीडिया पर वायरल ‘सैल्फ़ी वीडियो’ के चक्कर में जान जोखिम में न डालें।
  • प्रशासन के अलर्ट, रेडियो‑समाचार और मौसम ऐप्स पर नज़र रखें।
  • सुरक्षित रहें, ज़रूरत हो तो हेल्पलाइन 1079 या स्थानीय आपदा कंट्रोल रूम को कॉल करें।

नज़रों‑में‑नज़र: खतरा अभी टला नहीं 

मॉनसून सीज़न का यह शुरुआती तूफ़ान संकेत दे रहा है कि अगस्त‑सितंबर तक बारिश की और भी रौद्र पारियाँ बाकी हैं। फिलहाल सवाल यही है—क्या मध्य प्रदेश तैयार है, या प्रकृति का अगला दाव उसी तरह चौंकाएगा जैसे श्योपुर‑गुना में हुआ? जवाब समय देगा; तब तक सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।