Ludhiana Pregnant Wife Murder: लुधियाना में नशे में धुत पति ने 8 महीने की गर्भवती पत्नी पुष्पा को पीट-पीटकर मार डाला। क्या यह सिर्फ झगड़े का नतीजा था या लंबे समय की घरेलू हिंसा का अंधेरा सच सामने आने वाला है? जांच जारी है और कई राज़ अब भी छिपे हैं।
Ludhiana News: लुधियाना में एक शर्मनाक घरेलू हिंसा का मामला सामने आया है। 40 साल के विजय कुमार पर आरोप है कि उसने नशे में धुत होकर अपनी आठ महीने की गर्भवती पत्नी पुष्पा को पीट-पीटकर मार डाला। शुरुआत में विजय ने इसे स्वाभाविक मौत दिखाने की कोशिश की, लेकिन पुष्पा के शरीर पर चोटों के निशान देखकर परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद विजय को गिरफ्तार कर लिया गया।
पत्नी के शरीर पर चोटें: हत्या या स्वाभाविक मौत?
पुलिस के अनुसार, पुष्पा के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। एसीपी ने बताया कि विजय ने उसे पीटने के बाद अपने माता-पिता और परिवार को बताया कि पुष्पा की मौत दौरे पड़ने से हुई। लेकिन पोस्टमॉर्टम और शरीर पर चोटों से यह साफ हो गया कि यह सिर्फ स्वाभाविक मौत नहीं थी।
क्या यह घरेलू हिंसा का पुराना मामला था?
सूत्रों के मुताबिक, पुष्पा के भाई अजय ने पुलिस को बताया कि विजय शराब पीने के बाद अक्सर उसे पीटता था, क्योंकि पुष्पा चाहती थी कि वह शराब छोड़ दे। उसी दिन भी विजय शराब के नशे में था और उसने पुष्पा को मार-मारकर घायल किया। विजय की खुद की नाक पर चोट के निशान भी पाए गए, जिससे शक है कि उसने अपने बचाव में पलटवार किया होगा, लेकिन आठ महीने की गर्भवती महिला इसे सहन नहीं कर सकी।
नशे में हिंसा का यह कौन-सा नया सच दिखाता है?
यह मामला यह सवाल उठाता है कि घर में नशे और हिंसा कैसे जानलेवा बन सकती है। कई बार लोग इसे मामूली झगड़ा समझ लेते हैं, लेकिन यह साबित करता है कि घरेलू हिंसा किसी भी पल घातक रूप ले सकती है। पुष्पा की हत्या ने परिवार और समाज दोनों को सचेत होने की चेतावनी दे दी है।
लुधियाना पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने तुरंत विजय को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गहरी जांच की जा रही है और उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या उसके नशे के चलते और भी अपराध हुए हैं और उसे किस तरह से रोका जा सकता था। यह मामला न केवल लुधियाना, बल्कि पूरे देश में घरेलू हिंसा और नशे के प्रभाव पर सवाल खड़े करता है। समाज और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि नशे और हिंसा के बीच के रिश्ते को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।


