सार
कुत्तों का आंतक इस तरह बढ़ गया है कि वह बच्चों को जिंदा खाने लगे हैं। राजस्थान के चित्तोड़गढ़ से दृश्य देखा गया वह रोंगटे खड़े कर गया। जहां स्ट्रीट डॉग्स ने एक साथ साल के बच्चों को ऐसा नोचा कि उसकी चमड़ी तक नहीं बची।
चित्तौड़गढ़. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर है और यह खबर हर माता-पिता के लिए अलर्ट है । खासतौर से उन माता-पिता के लिए जिनके बच्चे अकेले स्कूल जाते हैं। चित्तौड़गढ़ के पारसोली थाना इलाके में स्थित पारसोली गांव में 6 साल के आयुष को सात कुत्तों ने नोच लिया। उसके शरीर के कई अंग चबा डाले , बच्चा मदद के लिए चीख पुकार मचाता रहा। बाद में वहां से गुजर रही एक महिला ने बच्चे को बचाया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो चुकी थी।
खूंखार कुत्तों ने मासूम की सारी चमड़ी उतार दी
मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया पारसोली गांव में रहने वाले भेरूलाल का 6 साल का बेटा आयुष आज सवेरे स्कूल जा रहा था। गांव में स्थित प्राइवेट स्कूल में जाने के दौरान एक नाला पड़ता है, उस सूखे नाले में अक्सर लोग कचरा और मृत मवेशियों को डाल देते हैं। गांव के ही 8 से 10 कुत्ते इस नाले में अक्सर मृत मवेशियों को अपना निवाला बनाते हैं। आज सवेरे भी ऐसा ही चल रहा था। आयुष वहां से गुजरा तो दो कुत्ते उसे पर झपटे। वह बचने के लिए दौड़ा तो 6 - 7 अन्य कुत्तों ने उसका पीछा किया और उसे सड़क पर गिराकर जिंदा ही चबा डाला । उसके गले और सर में गंभीर घाव हो गए। शरीर के कई जगह से चमड़ी उतार ली।
जब तक कुत्तों को भगाया तब तक वो मासूम को चबा चुके थे
वहीं पर रहने वाली एक महिला नाले के नजदीक कचरा फेंकने आई तो उसने पत्थर मार कर कुत्तों को वहां से भगाया। बाद में वह आयुष को अपने घर ले आई और पुलिस को सूचना दी। गांव के लोगों ने तुरंत आयुष को अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन तब तक आयुष की मौत हो चुकी थी।
माता-पिता कतई ना करें ऐसी गलती...
आयुष के पिता भेरुलाल ने बताया कि आयुष हर सवेरे ट्यूशन पढ़ने के बाद स्कूल जाता था। वह अकेला ही स्कूल जाता था और अकेला ही स्कूल से वापस लौटता था , क्योंकि स्कूल घर के नजदीक ही था। आज भी वह स्कूल जा रहा था, लेकिन क्या पता था स्कूल के रास्ते में मौत उसका इंतजार कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है पिछले कुछ समय में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पंचायत इस पर कोई काम नहीं करती।