सार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुस्से में चेहरा 'लाल' करने वाली बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की 'लाल डायरी' लगातार चर्चा में बनी हुई है। गुढ़ा लाल डायरी को लेकर अपने इलाके में घूम रहे हैं।
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुस्से में चेहरा 'लाल' करने वाली बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की 'लाल डायरी' लगातार चर्चा में बनी हुई है। राजस्थान में शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसकी जुबान पर यह नाम न आ रहा हो। यहां तक कि राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी जुबान से आखिरकार लाल डायरी का नाम लेते हुए कह दिया था कि 'जिस दिन यह लाल डायरी के पन्ने खुलेंगे कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के राज खुल जाएंगे।' अब गुढ़ा लाल डायरी को लेकर अपने इलाके में घूम रहे हैं।
राजस्थान में लाल डायरी की पॉलिटिक्स, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की रणनीति
सरकार से बर्खास्त हो चुके मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा लगातार लाल डायरी को लेकर अपने इलाके में यात्रा कर रहे हैं। इधर सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि लाल डायरी जैसा कुछ नहीं है, सब कपोल कल्पित है। हालांकि इस बीच राजस्थान विधानसभा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
जिस लाल डायरी की बात को लेकर विधानसभा में मंत्री शांति धारीवाल और राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बीच हाथापाई हुई, जिस लाल डायरी को सीपी जोशी ने टेबल पर पेश नहीं करने दिया, उसी डायरी का नाम विधानसभा के रिकॉर्ड में सिर्फ तीन बार ही लिखा गया है। आपको बता दें कि विधानसभा में होने वाली हर बात को बकायदा रिकॉर्ड किया जाता है।
राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी की कहानी
राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी मामले को लेकर हजारों बार जिक्र हुआ, लेकिन केवल तीन बार ही इसे विधानसभा के रिकॉर्ड में स्पीकर सीपी जोशी द्वारा लिखा गया है। यह तीनों बार भी जब-जब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में इसका जिक्र किया।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो फिलहाल राजस्थान में लाल डायरी का मामला लंबे समय तक चलने वाला है। एक तरफ जहां सीएम अशोक गहलोत लगातार यह कह रहे हो कि लाल डायरी जैसा कुछ नहीं, हो लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार के और अधिकारियों के बीच के कई ऐसे काम हैं, जिनमें भ्रष्टाचार हुआ है। उनके सबूत राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पास हैं। अब देखना होगा कि आखिरकार लाल डायरी मामले में आखिर होता क्या है।
क्या लिखा है बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की लाल डायरी में?
लाल डायरी में राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अशोक गहलोत सरकार का काला-चिट्ठा लिखकर रखा है। इसमें 1992 में अजमेर में हुए फोटो ब्लैकमेल कांड का भी जिक्र है। लाल डायरी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) को प्रतिमाह भेजे जाने वाले पैसों का हिसाब भी लिखा है। गुढ़ा का आरोप है कि यह पैसा सीएम गहलोत अपने विश्वस्त राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के माध्यम से दिल्ली भेजते रहे हैं।
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