सार

Dussehra 2023 Vijya Dashmi बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक महापर्व दशहरे पर आज पूरी देश में रावण दहन किया जा रहा है। लेकिन राजस्थान के पुष्कर में दहशरे पर रावण दहन नहीं बल्कि महिषासुर का होता है। 

पुष्कर. आज पूरे देश भर में दशहरा पर धूमधाम से मनाया जा रहा है। शाम को पूरे देश में जगह-जगह रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। भारत सहित विश्व के कई इलाकों में रावण के पुतलों का दहन होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक जगह ऐसी भी है जहां पर दशहरा पर्व से 2 दिन पहले पुतला दहन का कार्यक्रम तो होता है लेकिन वह पुतला रावण का नहीं बल्कि महिषासुर का होता है। यह आयोजन कोई पहली बार नहीं हुआ बल्कि पिछले 22 सालों से होता चला आ रहा है इस बार 23वीं बार यहां महिषासुर के पुतले का दहन किया गया।

पुष्कर में इस वजह से होता है महिषासुर का वध

यह आयोजन राजस्थान के पुष्कर के बिजयनगर में शक्तिपीठ बाड़ी माता मंदिर में होता है। मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख कृष्णा टांक बताते हैं कि महिषासुर भी एक राक्षस था जिसका वध करने के लिए ब्रह्मा विष्णु और महेश सहित कई देवी देवताओं ने अपने अस्त्र और शस्त्र सौंप दिए थे जिसके बाद मां भगवती सिंह पर सवार होकर महिषासुर का वध करने के लिए निकली और उसका वध भी कर दिया। इसी मान्यता के मुताबिक यहां महिषासुर के पुतले का दहन होता है।

दशहरे पर लग ता है भव्य मेला

इस जगह महिषासुर के पुतले के दहन के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है बल्कि माता के ही एक परम भक्त चुन्नीलाल ने आज के करीब 22 साल पहले इस परंपरा को शुरू किया था जिसके बाद से यह लगातार अनवरत चली आ रही है। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी कहते हैं की परंपरा का निर्वहन वह हमेशा करते रहेंगे। पुतला दहन के दौरान यहां पर भव्य मेले का भी आयोजन होता है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिलों से भी लोग यहां मेले का लुत्फ उठाने और पुतला दहन का कार्यक्रम देखने के लिए आते हैं।