सार
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रदेश आगमन के कुछ घंटों पहले खेला बड़ा दाव। गुर्जरों को लुभाने के लिए सबसे बड़ी घोषणा। दरअसल इन साल से देवनारायण जयंती पर दिया जाएगा सरकारी अवकाश।
जयपुर (jaipur). यह राजस्थान में चुनावी साल है। उठापटक साल के शुरूआती महीने से ही शुरू हो गई है। गुर्जर और मीणा समुदाय को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जोर लगा रहे हैं। पिछले दिनों आदिवासियों को लुभाने के लिए वह डूंगरपुर दौरे पर आए थे और कुछ घोषणा की थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में आज बड़ा कार्यक्रम है। गुर्जर समाज के लोगों को लुभाने के लिए कई योजनाएं घोषित की जा सकती है।
सीएम गहलोत ने खेला मास्ट्रक स्ट्रोक
लेकिन इससे चंद घंटों पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से बड़ा दांव खेला है। उन्होंने एक ही झटके में पूरे गुर्जर समाज को अपने पक्ष में कर लिया है। दरअसल राजस्थान में इस साल से ही देवनारायण जयंती पर सरकारी अवकाश घोषित कर दिया गया है। देवनारायण जयंती हर साल 28 जनवरी को मनाई जाती है। 28 जनवरी को आज राजस्थान में सरकारी छुट्टी घोषित कर दी गई है। सभी स्कूल , कॉलेज सरकारी दफ्तर आज के दिन बंद कर दिए गए हैं।
लंबे समय से गुर्जर समाज कर रहा था मांग, पीएम आगमन से पहले हुई पूरी
उल्लेखनीय है कि राजस्थान का गुर्जर समाज कई महीनों से इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग कर रहा था और मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से ठीक कुछ देर पहले पूरा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुर्जर समाज के लिए और क्या बड़ी घोषणा कर पाते हैं। हालांकि बताया जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवनारायण कोरिडोर की घोषणा कर सकते हैं और यह काफी बड़ा होगा। हालांकि इस पर अभी कयास ही लगाए जा रहे हैं।
सीएम ने किए एक तीर से दो शिकार
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तीर से दो शिकार किए हैं । उन्होंने गुर्जर समाज को भी अपने पक्ष में कर लिया है और वही सत्ता में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी माने जाने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी दो कदम पीछे धकेल दिया है। सचिन पायलट गुर्जर नेता हैं, लेकिन देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित करने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से किसी भी तरह का संवाद नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि इस साल देवनारायण जयंती इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1111 वी जयंती है।
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