सार

EO RO Recruitment Exam Case : राजस्थान में EO-RO भर्ती परीक्षा में लापरवाही! 11 बजे के बाद गेट खुला, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड। CCTV फुटेज से खुलासा होने पर जांच शुरू।

झुंझुनू, राजस्थान में आयोजित ईओ-आरओ भर्ती परीक्षा (EO RO Recruitment Exam Case in Rajasthan) में बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसने परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक कॉल पर गेट खुला, नियम तोड़े गए, और अब कार्रवाई शुरू हो गई है। इस मामले में एसपी शरद चौधरी (SP Sharad Chaudhary) ने तुरंत एक्शन लेते हुए कोतवाली थाने के एएसआई समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड (policeman suspended) कर दिया। मामले की जांच साइबर क्राइम (Cyber ​​Crime) डीएसपी को सौंपी गई है, जबकि जिला कलेक्टर ने एडीएम को अलग से जांच के आदेश दिए हैं।

एक कॉल और खुल गया गेट!

 ईओ-आरओ परीक्षा में प्रवेश का अंतिम समय सुबह 11 बजे था। झुंझुनू शहर स्थित एसएस मोदी विद्या विहार परीक्षा केंद्र पर ठीक समय पर गेट बंद कर दिया गया। लेकिन 11:03 बजे दो परीक्षार्थी गेट पर पहुंचे। इनमें से एक हिमांशु शर्मा ने किसी पुलिस अधिकारी को फोन लगाया और फोन गेट पर तैनात पुलिसकर्मी को पकड़ा दिया। कुछ सेकंड की बातचीत के बाद गेट दोबारा खोल दिया गया और दोनों परीक्षार्थियों को अंदर जाने दिया गया।

CCTV फुटेज ने खोला राज यह गड़बड़ी तब उजागर हुई

जब परीक्षार्थी हड़बड़ाहट में गलत सीट पर बैठ गया। पर्यवेक्षकों को शक हुआ और CCTV फुटेज चेक किए गए, जिसमें साफ दिखा कि समय खत्म होने के बाद भी दो परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया गया। इसके बाद केंद्र अधीक्षक और पर्यवेक्षकों ने इस मामले की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को भेज दी।

 झुंझुनू में रातभर चला एक्शन मोड

 पुलिसकर्मी सस्पेंड जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने परीक्षा नियमों की अनदेखी को गंभीर मानते हुए एसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए। देर रात ही कोतवाली थाने के एएसआई पवन स्वामी, हेड कांस्टेबल जयपाल, कांस्टेबल मुनेश, सुबोध, कुलदीप और बलराम को सस्पेंड कर दिया गया।

अब क्या होगा? 

मामले की जांच की जिम्मेदारी साइबर क्राइम डीएसपी और परीक्षा के नोडल अधिकारी एडीएम डॉ. अजय आर्य को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आरपीएससी को सौंपी जाएगी और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल!

इस घटना ने भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर CCTV फुटेज की जांच नहीं होती, तो यह मामला कभी सामने नहीं आता। अब देखना होगा कि इसकी तह तक पहुंचकर प्रशासन क्या कदम उठाएगा?