सार
राजस्थान के सिरोही जिले के गांव में बंदर की शवयात्रा निकाली गई। इसके बाद नदी किनारे ले जाकर हिन्दू रीतिरिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी किया गया।
राजस्थान। प्रदेश के सिरोही जिले के मांडानी गांव में एक अनोखी शव यात्रा निकाले जाने की चर्चा तेज हो गई है। यहां गांव में करंट लगने से एक बंदर की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने हिन्दू रीतिरिवाज के तहत पौराणिक परंपरा के अनुसार उस बंदर की शवयात्रा निकाली और फिर नदी किनारे उसका अंतिम संस्स्कार भी किया।
करंट लगने से गई बंदर की जान
स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव में पिछले दिनों करंट लगने से एक बंदर की जान चली गई। लोगों की सूचना मिली तो गांव वाले भी जुट गए। इसके तय किया गया कि बंदर का हिन्दू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। इसके बाद बंदर की पौराणिक परंपरा के अनुसार पूरे गांव में शवयात्रा निकाली। उसके बाद नदी के किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। बंदर की मृत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बड़ी संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे।
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बंदरों को बजरंगबली का रूप मानते हैं ग्रामीण
मांडानी गांव में स्थानीय निवासी बंदर और लंगूरों को भगवान हनुमान यानी बजरंग बली का रूप मानते हैं। कहा जाता है कि भगवान राम के समय से ही इस गांव में बड़ी संख्या में बंदर रहा करते हैं। गांव की गलियों और छतों पर बंदर की कूद फांद आम बात है। कई बार यह लोगों को काफी नुकसान भी करते हैं लेकिन फिर भी इन्हें कोई भगाता नहीं। इसलिए ग्रामीण पौराणिक परंपरा का आज तक निर्वहन करते आ रहे हैं। गांव के हर इलाके में यहां बंदर पाए जाते हैं।
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यूपी के बागपत में कुत्ते की तेरहवीं पर ब्राह्मण भोज
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बिजरौल गांव में स्ट्रीट डॉग मुन्ना की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसका पूरे रीतिरिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। यहीं नहीं ग्रामीणों ने मिलजुल कर स्ट्रीट डॉग मुन्ना की आत्मा की शांति के लिए हवन पूजन के साथ ब्राह्मण भोज का भी आयोजन कराया।