सार

राजस्थान का बाड़मेर जिला, जिसे मरुस्थल कहते हैं, खनिजों से भरपूर है और तेजी से विकास कर रहा है। तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ, यह क्षेत्र दुबई को टक्कर देने की क्षमता रखता है और राजस्थान के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

बाड़मेर. (राजस्थान). जब भी जमीन से तेल निकालने की बात आती हो तो हमारे दिमाग में अरब कंट्री का नाम जरूर आता है जहां तेल के विशाल भंडार है। लेकिन क्या आपको पता है कि राजस्थान का बाड़मेर जिला भी अब उसे टक्कर देने वाला है। बाड़मेर इलाके की भूमि जिसे मरुस्थल भी कहते हैं, उसकी जमीन में कई खनिज दबे हुए हैं।

2030 तक बाड़मेर दुबई को भी टक्कर देगा

वर्तमान में इन खनिजों को निकालने के लिए लगातार काम जारी है। जिस तरह से यहां खनिज निकल रहे हैं इस तरह से लोगों का मानना है कि आने वाले समय में यह है दुबई को भी टक्कर देगा। वर्तमान में यदि राजस्थान में राजस्व की बात करें तो सबसे ज्यादा राजस्व बाड़मेर से ही मिल रहा है। 2030 तक बाड़मेर को ऊर्जा के हफ्ते तौर पर विकसित किया जाएगा।

बाड़मेर जिले में 38 कुओं से तेल निकाला जा रहा

वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर जिले में 38 कुओं से तेल निकाला जा रहा है। रोजाना करीब 80 से 90 हजार बैरल तेल निकाला जा रहा है। आने वाले समय में यहां पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यहां लगातार प्रयास कर रही है। यहां सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए भी जमीन आवंटित की गई है। आने वाले समय में यहां बड़े पावर प्लांट भी लगा सकते हैं।

रेगिस्तान होने के कारण जमीन में दबे हैं कीमती खनिज

राजस्थान के बाड़मेर जिले में तेल और कोयले के अलावा बाड़मेर को पवन ऊर्जा में भी अव्वल इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि राजस्थान में तेज धूप और रेगिस्तान की तेज हवा चलती है। जिससे कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा दोनों से ही यहां बिजली का उत्पादन करके राजस्व में बढ़ोतरी की जा सकती है।