सार
बीकानेर से मंत्री बीडी कल्ला को फिर से कांग्रेस ने टिकट दे दिया है जिसका अब विरोध शुरू हो गया है। कई नेताओं ने पार्टी के पद से इस्तीफा देना भी शुरू कर दिया है।
बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर जिले में चुनाव से पहले राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। सीएम के ओएसडी जिस सीट से टिकट मांग रहे थे उस सीट से पार्टी ने फिर से उसी नेता को टिकट दिया है जो पिछले नौ बार से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें दसवीं बार टिकट दिया है। 75 साल के यह नेता बीडी कल्ला कल्ला हैं। अब उनको टिकट देने से पार्टी के अन्य नेताओं में असंतोष फैल गया है। बीडी कल्ला को टिकट देने के बाद से इस्तीफे भी शुरू हो गए हैं।
1980 से पार्टी से जुड़े हैं बीडी कल्ला
1980 से पार्टी में शामिल बीडी कल्ला का टिकट इस बार तय नहीं था। राजनीति में आने के बाद वे लगातार पांच बार विधायक रहे। उसके बाद दो बार बाद में फिर विधायक रहे और फिर मंत्री बने। चार से पांच बार अलग अलग विभाग संभाले और विधानसभा अध्यक्ष तक रहे।
लोकेश शर्मा को नहीं मिला टिकट
इस बार शिक्षा विभाग उनके पास था, जिसमें सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं। इस विभाग के कर्मचारी और शिक्षक इस बार उनसे नाराज चल रहे थे। यही कारण है कि सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने इस बार बीकानेर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली थी और पार्टी से टिकट मांग रहे थे। सीएम का हाथ होने के कारण उनको टिकट तय लग रहा था, लेकिन टिकट कल्ला को ही मिला है।
विप्र कल्याण बोर्ड के सदस्य राजकुमार किराड़ू नाराज
कल्ला को टिकट मिलने के बाद विप्र कल्याण बोर्ड के सदस्य और राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार किराडू ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होनें अपने तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया है। देर रात अपने बयान में उन्होंने कहा कि पंद्रह-बीस साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। कई राज्यों में जाकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इस बार भी पार्टी ने मौका नहीं दिया। दसवीं बार कल्ला को टिकट दिया है। यह उन कार्यकर्ताओं के साथ धोखा है जो जमीन से जुड़े हुए हैं और पार्टी की हर तरह से सेवा कर रहे हैं। हम कल्ला का विरोध करेंगे चाहे कुछ भी हो जाए।