सार

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित श्री कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर में इस साल अब तक 150 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा प्राप्त हुआ है। चढ़ावे की राशि का उपयोग मंदिर के विस्तार और आसपास के गांवों के विकास में किया जाएगा।

चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के प्रसिद्ध श्री कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर में भगवान श्रीसांवलिया सेठ के भंडार से निकली चढ़ावे की राशि की गणना पूरी हो गई है। यह गणना पांच चरणों में की गई और इस बार कुल 25 करोड़ 47 लाख 74 हजार 500 रुपये का चढ़ावा निकला। फिलहाल सिक्कों की गणना की प्रक्रिया जारी है।

अब तक गिना जा चुका 150 करोड़ रुपए का चढ़ावा

इस भव्य मंदिर में नियमित रूप से भक्तों द्वारा भव्य चढ़ावे का अर्पण किया जाता है, जो मंदिर की व्यवस्थाओं और आसपास के क्षेत्रों के विकास में इस्तेमाल किया जाता है। इस साल की बात की जाए तो अब तक 150 करोड रुपए से भी ज्यादा का चढ़ावा गिना जा चुका है । दिवाली के बाद से जो चढ़ावा आया है उसे 5 दिन से गिना जा रहा है । मंदिर प्रबंधन की माने तो पहली बार साल में चढ़ावा करीब 160 करोड़ के पार जा सकता है।

मासिक मेले के पहले खोला गया था भंडार

पिछले कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन ठाकुरजी का भंडार खोला गया था। पहले चार चरणों में धन की गणना की गई थी, जबकि अंतिम चरण में 3 करोड़ 51 लाख 29 हजार 500 रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। इस दौरान सोने और चांदी के आभूषणों की प्राप्ति भी हुई थी, जिनका वजन करना शेष था। अब तक सिक्कों की गणना भी अधूरी है, जिसे शुक्रवार को छठे चरण में पूरा किया जाएगा।

कैलकुलेशन में शामिल थे ये लोग

भंडार खोलने के बाद श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भैंरुलाल गुर्जर, बोर्ड सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, ममतेश शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, और प्रशासनिक अधिकारी नन्दकिशोर टेलर सहित अन्य सदस्य गणना प्रक्रिया में शामिल थे। मंदिर की व्यवस्था प्रभारी राजेंद्र शर्मा और संपदा व सुरक्षा प्रभारी भैंरुगिरि गोस्वामी भी इस दौरान मौजूद रहे।

महीने में 2 बार खोला जाता है भंडारा

सांवलियाजी मंदिर में इस बार दो महीने बाद भंडारा खोला गया था क्योंकि दीपावली पर भंडार नहीं खोला जाता है, यह मंदिर की एक परंपरा है। प्राप्त चढ़ावे की राशि का उपयोग मंदिर के विस्तार और उसके रखरखाव के साथ ही आसपास के 16 गांवों के विकास कार्यों में किया जाता है। इस प्रकार, भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार से निकली राशि न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि सामाजिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।

 

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