सार
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी पूर्व डिप्टी सीएम पायलट और सीएम गहलोत के बीच विवाद सुलझाने में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा लगे हुए है। अल्टीमेटम पर वे बोले- सचिन पायलट को किसी भी तरह की चेतावनी नहीं, हमारे साथ बैठक में भी शामिल होंगे।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय शेष है। अब कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि प्रदेश में चल रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट के विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए। जिससे कि आगामी चुनावों में उन्हें पार्टी की अंतर कलह से परेशान न होना पड़े। इसी बीच कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने दोनों गुटों के बीच सुलह की बात छेड़ दी है। रंधावा ने कहा है कि पायलट ने किसी भी तरह से सरकार को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है। वह हमारे साथ है और हमारे साथ बैठक में भी शामिल होंगे।
राजस्थान कांग्रेस पार्टी क्राइसेस को सुलझाने में लगे प्रभारी रंधावा
रंधावा ने कहा है कि जिस पार्टी या घर में कुछ होता है लड़ाई उसी में होती है। जहां कुछ भी नहीं होता वहां इस बात की लड़ाई या अन्य कोई झगड़ा होगा। इस लड़ाई को हम कंट्रोल करेंगे। आपको बता दें कि राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा 2 दिन के राजस्थान दौरे पर है। इसी को लेकर शुक्रवार को वह पार्टी के कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक मिलेंगे। रंधावा ने तो यह भी कहा है कि सचिन पायलट की शुक्रवार को होने वाली बैठक में भी शामिल होंगे।
कांग्रेस द्वारा पायलट को अल्टीमेटम पर रंधावा ने दी सफाई
प्रभारी रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट भले ही अभी जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हो। लेकिन उन्होंने सरकार को कोई भी अल्टीमेटम नहीं दिया है। जिसे दिया है वह खुद ही जवाब देंगे। वही आपको बता दें कि आज आगामी दिनों में देश के कई राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर एआईसीसी की बैठक है। इस बैठक में राजस्थान के कई बड़े नेता भी शामिल होने जा रहे हैं। इस बैठक में केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सहित चुनावी राज्यों के कई बड़े नेता शामिल होने के लिए आएंगे।
वही रंधावा के बयानों के बाद एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मचाना शुरू हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि राजस्थान में पार्टी को हार का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए ही अलग मान्य वर्किंग करना शुरू कर दिया है। हालांकि अब देखना होगा कि आलाकमान का यह फैसला पायलट खुद पर लागू करते हैं या नहीं।
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