सार

बकरीद को लेकर पिछले दिनों बकरों को खूब चर्चा हुई। अब एक दिन बाद राजस्थान सरकार ने फैसला किया है कि अब से प्रदेश के अंदर सभी बकरा-बकरियों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। जिससे उनका समय पर इलाज हो सके।

जयपुर. बकरा ईद के अगले दिन राजस्थान से खबर आ रही है कि अब बकरा और बकरियों का भी हेल्थ कार्ड बनेगा। इस हेल्थ कार्ड के आधार पर उन्हें भी लोन दिया जा सकेगा। लोन चुकाने और अन्य तमाम तरीके की जिम्मेदारी बकरी पालने वाले पशुपालक की होगी । राजस्थान का बांसवाड़ा जिला ऐसा पहला जिला बनने जा रहा है। जहां पर इस तरह की स्कीम को लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन के अधिकारियों और जिला कलेक्टर का कहना है कि सरकार गरीब तबके के लोगों और पशुपालकों की आजीविका 300 गुना तक 3 साल में बढ़ाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए कुछ बैंकों से बातचीत लगभग फाइनल कर ली गई है ।

राजस्थान में पहली बार आ रहा ऐसा प्रोजेक्ट

जिला परिषद के अधिकारी कैलाश कुमार बरोलिया का कहना है कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का कोई प्रोजेक्ट आ रहा है। बकरा या बकरी जो भी खाता है , उसकी हेल्थ कैसी है और पिछले कुछ समय से उसकी हेल्थ कैसे रही है । इसका एक कार्ड तैयार किया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग जिला परिषद , पशुपालन विभाग और स्वयं सहायता समूह करेंगे ,पूरी रिपोर्ट तैयार होगी।

बकरों के इस कार्ड में होगा बहुत कुछ

बांसवाड़ा जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव का कहना है कि बकरी पालने वाले 100 से भी ज्यादा पशुपालकों की मॉनीटरिंग कर और उनसे बातचीत कर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। बकरी पालन अच्छा काम है और इसमें कमाई भी अच्छी है। पशुपालक और किसान इसे कर रहे हैं । सरकार उनकी मदद कर रही है और बकरा बकरियों का हेल्थ कार्ड बना रही है । इस कार्ड में उनकी डिवर्मिंग , खाने-पीने, बीमारियों सब तरह की जानकारी होगी और इन्हीं कार्डों के आधार पर उन्हें बिना ब्याज के लोन मिल सकेगा। यह लोन 2 से 3 साल के लिए मिलेगा और इस लोन के आधार पर पशुपालक अपने व्यापार को बढ़ा सकेंगे। सरकार का उद्देश्य निकले तबको में रहने वाले गरीब परिवारों को मुख्य धारा में लाने का है और इसके लिए इससे अच्छी स्कीम नहीं हो सकती है।