सार
उदयपुर। राजस्थान में किसी आदमखोर जानवर को काबू करने के लिए पहली बार सेना को बुलाया गया था। सेना ने न गोली चलाई और न ही खून बहाया.... इस खास ट्रिक से एक नहीं दो आदमखोर काबू कर लिए। दोनो को पता ही नहीं चला कि वे कब पिंजरे में कैद हो गए। उनमें से एक ने तो दो दिन में ही तीन इंसानों को खा लिया था। मामला राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा ग्राम पंचायत इलको का है। यहां से सेना ने दो पैंथर काबू किए हैं। पैंथर ने 5 किमी. के दायरे में 2 दिनों में 3 लोगों को मार डाला। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया था।
दोनों पैंथर्स के पकड़े जाने के बाद लोगों ने ली राहत की सांस
गोगुंदा के SDM नरेश सोनी ने बताया कि सोमवार रात उमरिया गांव में वन विभाग के पिंजरे में दो पैंथर कैद हुए। इन पिंजरों में मांस और मछली की गंध वाला पानी रखा गया था, जिससे पैंथर पिंजरे में आ गए। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अब उन्हें सुरक्षित महसूस हो रहा था।
दो में से एक पैंथर्स है बूढ़ा
मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री के अनुसार पकड़े गए पैंथरों में से एक बूढ़ा है, जिसके कैनाइन दांत नहीं हैं। इसी वजह से वह शिकार नहीं कर पा रहा था और इंसानों पर हमले करना आसान समझ रहा था। इस बूढ़े पैंथर द्वारा 3 लोगों की मौत की संभावना पर भी चर्चा की जा रही है। दोनों पैंथरों को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है। पिंजरे में आने के बाद वे छटपटा रहे थे, जिसके चलते उन्हें मामूली चोटें आई हैं। वेटरनरी डॉक्टर उनका इलाज करेंगे और स्वास्थ्य होने पर वन विभाग उनकी देखरेख के बारे में निर्णय लेगा।
सेना ने पैंथर्स को पकड़ने के लिए अपनाई ये स्पेशल ट्रिक
पैंथर के हमलों की शुरुआत 20 सितंबर को हुई, जब एक 50 वर्षीय महिला को मारा गया। वन विभाग ने मौके पर पैंथर के पगमार्क लिए और फिर 3 पिंजरे लगाए। रेस्क्यू टीम ने लगातार पैंथर की गतिविधियों पर नजर रखी, जिससे अंततः दोनों पैंथर को पकड़ने में सफलता मिली। इस ऑपरेशन में कई वन विभाग और आर्मी की टीम शामिल थीं। आर्मी की टीम ने मछली और मछली के गंध वाला पानी जंगल एरिया और पिंजरों के आसपास छिड़का था, इसी गंध के कारण पेंथर पिंजरे में फंस गया।
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