सार
राजस्थान में हैरत में डालने वाला मामला सामने आया है। मुंबई के हीरा करोबारी की इंजीनियर बेटी के ऊपर धार्मिक ग्रंथों और सत्संग का इतना असर हुआ कि दीक्षा लेने की कर दी घोषणा। गणतंत्र दिवस की सुबह 8 बजे होगा मुख्य कार्यक्रम।
राजसमंद (rajsamand). राजस्थान में कल जहां पूरा प्रदेश गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा होगा। वही राजस्थान में एक 22 साल की महिला इंजीनियर जैन धर्म की दीक्षा लेने जा रही है। महिला इंजीनियर ने अपनी खुद की इच्छा से यह फैसला किया। इस फैसले के बाद राजस्थान में बीते 4 दिनों से जश्न का माहौल चल रहा है।
धार्मिक ग्रंथों और सत्संग से हुई प्रभावित
दरअसल हीना मुंबई में सोना चांदी और हीरा कारोबारी व्यापारी केसूलाल की बेटी है। जिसने बीते साल अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली। धार्मिक ग्रंथों और सत्संग सुनकर वह इतनी प्रभावित हुई कि उसने दीक्षा लेने का निर्णय किया। इसके बाद 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का दिन दीक्षा लेने के लिए तय हुआ। इसके लिए 22 जनवरी से कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। सबसे पहले अरिहंत दिवस मनाया गया। इसमें कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद 23 जनवरी को हल्दी की रस्म हुई और शाम को भजन संध्या का आयोजन हुआ। 24 जनवरी को मेहंदी की रस्म पूरी की गई एक हास्य कवि सम्मेलन हुआ। आज 25 जनवरी के दिन इंजीनियर बेटी का वरघोड़ा और विदाई की रस्मे पूरी होगी।
गणतंत्र दिवस के दिन लेगी दीक्षा
इसके बाद राजसमंद के खमनोर में हिना महासती विजय प्रभा के सानिध्य में दीक्षा प्रदाता कोमल मुनि महाराज से दीक्षा लेगी। खमनोर में आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम को लेकर पूरा खर्च हिना के परिवार ने ही किया है। इतना ही नहीं जिस दिन हिना दीक्षा लेगी उस दिन पूरे गांव का एक सामूहिक भोज होगा। जिसमें हजारों लोगों का खाना बनेगा। गौरतलब है कि राजस्थान के पाली उदयपुर राजसमंद जैसे ऐसे कई जिले हैं जहां बच्चे 7 साल की उम्र से लेकर 25 साल की उम्र में दीक्षा लेते हैं। जिसका मुख्य कारण है कि यहां के माता-पिता और परिजन उन्हें शुरू से ही अपने धर्म के प्रति जुड़ाव रखना सिखाते हैं।
इसे भी पढ़े- सवर्णों के उत्पीड़न से परेशान हो 1500 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म, कहा- अब मिलेगी बराबरी