सार
राजस्थान के बाड़मेर जिले में ऊभछठ का पर्व महिलाओं ने धूमधाम से मनाया। लड़कियों ने जहां योग्य वर के लिए यह व्रत रखा तो वहीं सुहागिनों ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए चांद की पूजन की। ऐसा लग रहा था जैसे करवाचौथ का पर्व हो।
जयपुर. ऊभछट का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया गय। राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी इस पर्व पर शानदार रौनक देखने को मिली। यहां लड़कियों और नवविवाहिताओं ने अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए उपवास भी रखा। बता दें कि इस पर्व की सबसे अनूठी परंपरा है कि शाम ढलने के बाद व्रत रखने वाली कोई भी लड़की या महिला तब तक नीचे नहीं बैठ सकती जब तक कि वह चांद के दर्शन नहीं कर ले। हालांकि इस दौरान वह अलग-अलग मंदिरों में जाकर दर्शन कर सकती है और एक दूसरे को कथा भी सुना सकती है। चांद निकलने के बाद यह व्रत पूरा होता है।
व्रत खोलने के बाद महिलाओं ने ली सेल्फी
राजस्थान के बाड़मेर जिले में पर्व मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि पूरे साल हमें इस पर्व का इंतजार रहता है। मानता है कि इस पर्व पर व्रत रखने के बाद कुंवारी लड़कियों को अच्छा वर मिलता है। चंद्र दर्शन व कथा के दौरान युवतियां व महिलाओं में मोबाइल से सेल्फी लेती नजर आई।
राजस्थान के मंदिरों पर होने लगी भीड़
वहीं आपको बता दे कि अब राजस्थान में व्रत और धार्मिक पर्व का सीजन शुरू हो चुका है। पहले यहां काजली तीज के बार ऊभछट का पर्व आया वही अब दो दिन बाद जन्माष्टमी के पर्व पर राजस्थान में राजधानी जयपुर के गोविंददेव मंदिर, खाटूश्याम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे।