Udaipur Files : कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी उदयपुर फाइल्स फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इसकी रिलीज पर रोक लगा दी है। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। वहीं कन्हैया लाल के परिवार ने अपना दर्द बयां किया है।

Udaipur Files : राजस्थान के उदयपुर में साल 2022 में हुए चर्चित कन्हैया लाल टेलर हत्याकांड को लेकर एक बार फिर न्याय व्यवस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस तेज हो गई है। इस हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है, जिससे कन्हैया लाल के परिजन और फिल्म निर्माता बेहद नाराज़ हैं।

Udaipur Files क्या चाहता है कन्हैया लाल का परिवार

कन्हैया लाल के बेटे यशू साहू ने कोर्ट के फैसले पर नाराज़गी जताते हुए कहा, "मेरे पिता की हत्या को तीन साल हो गए हैं, मगर अब तक दोषियों को सजा नहीं मिल सकी। लेकिन जब कोई फिल्म सच्चाई सामने लाने की कोशिश करता है, तो उस पर महज तीन दिन में रोक लग जाती है। अगर अदालतें इतनी ही फुर्ती अपराधियों को सजा दिलाने में दिखाएं, तो शायद पीड़ित परिवारों को इतनी लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़े।" फिल्म के निर्माता अमित जानी ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने बताया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड (CBFC) से प्रमाणन मिल चुका था, फिर भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद और एक पत्रकार द्वारा दायर याचिकाओं के आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई। कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका पर निर्णय नहीं ले लेती, तब तक यह रोक जारी रहेगी।

क्या है कन्हैया लाल हत्याकांड?

गौरतलब है कि 2022 में उदयपुर के भूतमहल क्षेत्र में दिनदहाड़े दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी, जब दो युवकों ने दुकान में घुसकर उनका गला रेत दिया था। यह वारदात कथित तौर पर उस सोशल मीडिया पोस्ट के समर्थन को लेकर की गई थी, जिसमें नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी। इस हत्या के बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था।

सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकीं

अब जब इस घटना पर आधारित फिल्म सामने आई है, तो एक ओर जहां लोग इसे पीड़ित परिवार की आवाज मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ संगठनों ने इसे समाज में तनाव फैलाने वाला बताया है। फिलहाल सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की संभावित सुनवाई और केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी है।