सार

उदयपुर में मदरसा के लिए एलाट जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सर्व समाज ने मदरसे के निकट हिंदू मंदिर और श्मशान घाट होने का हवाला देते हुए इसका विरोध किया। सरकार ने अब आवंटन रद्द कर दिया है, लेकिन इससे मुस्लिम समाज में रोष पनपने की आशंका है।

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर शहर में करीब ढाई साल पहले कन्हैया लाल टेलर की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी और देश भर में माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी।‌ इस हत्याकांड के बाद उदयपुर को वापस मुख्य धारा में लौटने के लिए काफी समय लगा था। उसी उदयपुर शहर से अब एक और बड़ी खबर है। पूरा मामला एक मदरसे को लेकर है ।

मदरसे की जमीन को लेकर इस वजह से शुरू हुआ विवाद

दरअसल उदयपुर जिले के मावली इलाके में कांग्रेस सरकार ने मदरसा खोलने के लिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा मुस्लिम समाज को दिया था। इस हिस्से में मदरसे का काम शुरू होता , उससे पहले सरकार बदल गई। अब नई सरकार के समय इस मदरसे का विरोध होने लगा और सर्व समाज एवं स्थानीय लोगों ने यह कहा कि मदरसे के नजदीक हिंदू मंदिर और शमशान घाट है। ऐसे में दोनों पक्षों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

सर्व समाज के लोगों ने डीएम से की शिकायत, विरोध प्रदर्शन जारी

लोगों ने एवं सर्व समाज ने इस बारे में कलक्टर को लेटर लिखा और राजनीतिक स्तर पर भी अपनी बात पहुंचाई, लेकिन दोनों जगह से सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला । ऐसे में पिछले तीन दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन , हनुमान चालीसा, राम धुनी का आयोजन इस जगह पर किया जाने लगा, जहां मदरसा खुलने था। सांसद सीपी जोशी जो की चित्तौड़गढ़ जिले से सांसद है वह भी यहां पहुंचे थे ।‌यहां उन्होंने जनता को आश्वासन दिया था कि मदरसे को कहीं और जमीन देने की कोशिश करेंगे और यहां से मदरसे की जमीन को निरस्त किया जाएगा।

गर्वनमेंट ने विराेध प्रदर्शन के बाद आवंटन किया निरस्त

इस बारे में सरकार तक रिपोर्ट पहुंची और आज सरकार ने उदयपुर के कलक्टर अरविंद पोसवाल को इस रिपोर्ट पर आर्डर भेज दिया।‌ कलक्टर ने कहा कि सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय किया गया जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है । समाज को कहां जगह दी गई है।‌ इस बारे में फिलहाल सरकार ने जानकारी नहीं दी है। उल्लेखनीय है कि इस तरह से आवंटन निरस्त होने पर मुस्लिम समाज भी सड़कों पर उतर सकता है, उदयपुर में फिर से माहौल खराब हो सकता है।

 

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