सार

ब्यावर की हर्षाली कोठारी ने 32 लाख का पैकेज छोड़कर साध्वी बनने का फैसला किया है। 3 दिसंबर को वे दीक्षा लेंगी। जैन आचार्य के प्रवचनों से प्रभावित होकर उन्होंने ये कदम उठाया।

अजमेर (राजस्थान). अजमेर जिले के नजदीक ब्यावर कस्बे से खबर है। जैन समाज से जुड़ी ये न्यूज चौंकाने वाली है कि कैसे लाखों रुपयों का पैकेज छोड़कर एक लड़की संत बनने की राह पर निकल पड़ी। परिवार के साथ ही समाज के लोग उनका स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। शहर में कई जगहों पर शोभायात्रा निकालने की तैयारी चली रही है। युवती का नाम है हर्षाली कोठारी और वे ब्यावर शहर की रहने वाली हैं। हर्षाली 3 दिसंबर को जैन आचार्य रामलाल एवं उपाध्याय राजेश मुनि के पावन सानिध्य में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करके साध्वी जीवन अपनाएंगी।

मल्टी नेशनल कंपनी में थी सॉफ्टवेयर इंजीनियर

हर्षाली कोठारी, जो वर्तमान में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत थीं। ने जीवन की दिशा बदलने का संकल्प लिया है। वे 29 वर्ष की आयु में सांसारिक मोह-माया को छोड़कर साध्वी बनने जा रही हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद एक प्रतिष्ठित कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य करना शुरू किया था, लेकिन चातुर्मास के दौरान जैन आचार्य रामलाल के प्रवचन सुनकर उन्हें संसार की असारता का बोध हुआ और वे वैराग्य पथ पर अग्रसर हो गईं।

एक पल में छोड़ दी 32 लाख रुपए वाली जॉब

वर्ष 2021 में ब्यावर में आचार्य रामलाल के चातुर्मास के समय कोरोना महामारी के चलते हर्षाली वर्क फ्रॉम होम कर रही थीं और इस दौरान उन्हें आत्म-चिंतन का अवसर मिला। हर्षाली ने शादी न करने का संकल्प लिया और शील व्रत अंगीकार किया। इसके बाद 23 मार्च 2023 को उन्होंने अपने 32 लाख रुपए के सालाना पैकेज वाली जॉब से इस्तीफा दे दिया और वैराग्य पथ पर चलने का निर्णय लिया।

आईएएस अधिकारी बनने का था सपना

हर्षाली का कहना है कि उनका मूल सपना आईएएस अधिकारी बनने का था, लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना उनका लक्ष्य नहीं था। उनका मानना है कि उनके पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण उन्हें संयम पथ पर चलने का अवसर मिला है। अब वे 3 दिसंबर को जैन भागवती दीक्षा ग्रहण कर साध्वी जीवन की ओर कदम बढ़ाने जा रही हैं। यह उनके लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है और उनके इस कदम को समाज में एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।