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राजस्थान में भीषण गर्मी में कश्मीर जैसे नजारे, लेकिन संडे की छुट्टी में घूमने से पहले पढ़ लें चेतावनी वाली न्यूज
भीषण गर्मी वाले रेगिस्तान यानि राजस्थान में एक बार फिर बारिश का सिलसिला शुरुा हो गया है। एक तरफ तो अप्रैल महीने की चिलचिलाती गर्मी से काफी राहत मिली है। लेकिन दूसरी ओर ओला पड़ने से किसानों की फसल बर्बाद भी हुई है।
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नागौर, रेगिस्थान में इतनी भीषण गर्मी पड़ती है कि भारत ही नहीं विदेश से आने वाले टूरिस्ट भी इस समय राजस्थान के इन गर्म जिलों में जाने से बचते हैं। लेकिन इस साल मौसम का अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां अप्रैल के महीने में पारा 50 डिग्री के करीब हो जाता था, अब वहां बारिश और ओले गिर रहे है। बारिश होने के बाद कई जगह का नजारा कशीमर जैसा दिखाई दे रहा है।
दरअसल, नागौर जिले में शनिवार को करीब एक घंटे से ज्यादा तेज बारिश हुई। इससे अलावा बारिश के साथ ओलावृष्टि भी जमकर हुई। खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई। आलम यह था कि रेतों वाला ये रेगिस्तान कई जगह पर कशमीर जैसा दिख रहा था। इसकी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं।
बता दें कि राजस्थान में नागौर ही एक मात्र ऐसा जिला नहीं है, जहां बारिश का दौर जारी है। नागौर के अलावा जयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी और जैसलमेर में आंधी के साथ बारिश हुई। इन जिलों में बारिश होने के कारण तापमान में भी गिरावट आई है। मौसम विभाग ने च चेतावनी जारी की हुई है कि अगले 24 घंटों में जयपुर समेत प्रदेश के 20 जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से राजस्थान में मौसम में अचानक बदलाव आया हुआ है। यह सिलसिला अगले सप्ताह तक ऐसे ही बने रहने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान के आस-पास दो साइक्लोनिक सिस्टम बनने के कारण मौसम बदल रहा है। राजस्थान बॉर्डर के नजदीक पाकिस्तान में भी यह मौसम बना है। जिसका असर सीमा से लगने वाले जिलों पर भी हो रहा है।
नागौर- टोंक, भीलवाड़ा और उदयपुर संभाग में बारिश होने के कारण लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। लेकिन यह राहत आफत वाली है। क्योंकि बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों पर कहर बरपाया हुआ है। इससे लाखों का नकुसान तय है।