सार

भारत मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून तय तारीख पर केरल नहीं पहुंच सका है। इसे 4 जून को यहां पहुंच जाना था। विभाग ने तीन से चार दिनों की और देरी की आशंका जताई है।

नई दिल्ली. भारत मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून तय तारीख पर केरल नहीं पहुंच सका है। इसे 4 जून को यहां पहुंच जाना था। विभाग ने तीन से चार दिनों की और देरी की आशंका जताई है। इस बीच पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की एक्टविटीज

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन(standard deviation ) यानी आगे-पीछे होने के साथ केरल में प्रवेश करता है। इस साल, IMD ने कहा था कि वह 4 दिनों की मॉडल त्रुटि के साथ 4 जून तक केरल पहुंच सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हालांकि मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं में वृद्धि के साथ मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। साथ ही, पछुआ हवाओं की गहराई भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बादलों का जमाव भी बढ़ रहा है। इसलिए उम्मीद हैं कि अगले तीन-चार दिनों में मॉनसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में और सुधार होगा। आईएमडी ने एल नीनो की संभावना के बावजूद इस वर्ष सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है।

भारत में मौसम का पूर्वानुमान और बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग और प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, ओडिशा के दक्षिणी तट और तटीय आंध्र प्रदेश में एक या दो तेज बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना और पश्चिमी हिमालय में हल्की बारिश संभव है।

भारत में मौसम में बदलाव की ये हैं वजहें

स्काईमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) पूर्व की ओर चला गया है। 5 जून की रात से एक और पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की संभावना है।

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ और उससे सटे तेलंगाना पर निचले स्तरों पर बना हुआ है।

एक उत्तर-दक्षिण निम्न दबाव की रेखा उत्तर बिहार से झारखंड होते हुए दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर बने हुए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र तक जा रही है। एक चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किलोमीटर के बीच बना हुआ है।

मौसम विभाग का मानना है कि 5 जून के आसपास दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन विकसित होने की संभावना है। इसके प्रभाव में उसी क्षेत्र पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित होगा।

भारत में बीते दिन ऐसा रहा मौसम

अगर बीते दिनों की बात करें, तो ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल, गुजरात के कुछ हिस्सों और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली एनसीआर, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक में हल्की बारिश हुई और सिक्किम, कोंकण और गोवा में 1 या 2 स्थानों पर हल्की बारिश हुई। वहीं, तेलंगाना और तटीय तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में लू चली।

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