सार
यूपी के गोरखपुर के 28 लोग रोजगार के सिलसिले में तजाकिस्तान जाकर फंस गए हैं। पीड़ितों ने बताया कि यहां उनका रोजगार मिलना तो मुश्किल की बात जीना भी दूभर हो गया है।
अनूप शुक्ला
गोरखपुर: न्यू ग्लोबल ऑफिस के जरिए गोरखपुर के लोग तकरीबन 3 माह पहले 28 लोग रोजगार के सिलसिले में तजाकिस्तान गए थे। वहां जाने के बाद उन्हें रोजगार मिलना तो दूर की बात रही उनका वतन आना भी मुश्किल हो गया है। इन सभी को तजाकिस्तान की राजधानी दुशानबे से 100 किलोमीटर दूर एक स्थान पर कैद करके रखा गया है। भीषण सर्दी और भूख से बेहाल इनके साथ ही भारत के कुल 200 लोग बंधक हैं। सभी भारतीयों ने भारत सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भारत बुलाने की अपील की।
भीषण ठंड में लोगों का जीना भी हुआ मुहाल
बंधक भारतीय लोगों ने वीडियो द्वारा दिए गए संदेश में बताया कि उन्हे जानकारी दी गई थी राजधानी दुशानबे से सौ किलोमीटर दूर एक कंपनी पहाड़ों पर बांध बन रहा है जहां सुरंग खोदने का काम चल रहा है। कंपनी के अधिकारियों ने धोखे में रखकर कर्मचारियों को बुला लिया और किसी तरह की सुविधा तक नहीं दी। भीषण ठंड में उन सभी लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बंधक बनाए गए भारतीयों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। अधिकारियों ने बताया की तजाकिस्तान से लगातार संपर्क रखा जा रहा है जल्द उनकी स्वदेश वापसी होगी। लेकिन पखवाड़े भर से ज्यादे वक्त बीत गया कोई कारवाई नहीं हुई।
नौकरी की गारंटी के बदले वसूले गए 1 लाख 10 हजार रुपए
पीड़ितों का कहना है कि गोरखपुर की न्यू ग्लोबल ऑफिस ने एक कर्मचारी से नौकरी लगाने के नाम पर 1.10 लाख रुपए वसूला था और नौकरी की गारंटी भी दी थी। लेकिन तजाकिस्तान जाने पर सब कुछ उल्टा हो गया। जबकि, कंपनी में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के 50 से अधिक लोग फंसे हैं। वतन वापसी के लिए इन लोगों ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार के अलावा गोरखपुर प्रशासन और मीडिया से भी मदद की अपील की है। इन सभी के परिजनों का भी बुरा हाल है। वह भी लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके परिजनों को वापस बुलाया गया।