सार

आगरा के शिवम यादव ने 13 बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और 14वीं बार में थल सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने सपने को पूरा किया। शिवम की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है जो एक असफलता से ही टूट जाते हैं।

आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा के युवक शिवम यादव ने 13 बार असफल होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और 14 बार में वह थल सेना के लेफ्टिनेंट बनकर घर पहुंचे, उनके अफसर बनकर आने पर शहरवासियों ने जोरदार स्वागत किया, शिवम ने यह सफलता कड़ी मेहनत से हासिल की है।

युवाओं के लिए प्रेरणा बने शिवम

आपको बता दें कि आजकल के युवा एक बार ही असफल होने पर उम्मीद छोड़ देते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं वह दोबारा सफलता हासिल करने के लिए कोशिश ही नहीं करते हैं। यही कारण है कि वह अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश के युवा शिवम ने वह कर दिखाया जो लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है।

लेफ्टिनेंट बनकर घर पहुंचे शिवम

दरअसल, आगरा के मालपुरा क्षेत्र की सैंथिया स्टेट कॉलोनी निवासी शिवम यादव ने कड़ी मेहनत की और 13 बार असफल होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी, वे 14 वीं बार में सफल हुए और अब थल सेना में लेफ्टिनेंट बन गए, शिवम जब सेना की वर्दी पहन कर अपने घर पहुंचे तो लोगों ने उनका जमकर स्वागत किया।

अफसर बनने का सपना पूरा

शिवम ने बताया कि उनका सेना में अफसर बनने का सपना था, जो उन्होंने कड़ी मेहनत से पूरा किया। हालांकि 13वीं बार में भी उनका एयर फोर्स में चयन हो गया था, लेकिन वे थल सेना में ही अधिकारी बनना चाहते थे इस कारण उन्होंने एयरफोर्स  ज्वाइन नहीं किया, उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई मिल्टन पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद आगरा कॉलेज से ग्रेजुएशन और बीएड किया। वे एनसीसी केडेट भी रहे। इसी माह 7 सितंबर को उनका चयन थल सेना में अफसर के पद पर हुआ।

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