सार

यूपी निकाय चुनाव में बसपा ने अपने खोए वोटबैंक को वापस पाने के लिए नई पहल की है। मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए पार्टी ने ज्यादातर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती के द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला गया है। यह दांव मुस्लिम मतदाताओं का मन पढ़ने के लिए है। उन्होंने नगर निगम के चुनाव में महापौर पद के लिए 17 में से 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले 2017 के चुनाव के दौरान बसपा ने 16 सीटों में से सिर्फ 2 पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था।

बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रत्याशियों को दिया गया टिकट

आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती की नजर इन दिनों लोकसभा चुनाव 2024 पर लगी हुई है। बसपा के द्वारा मुस्लिमों को अपना काडर वोटर माना जाता है। इसी कड़ी में बसपा की ओर से कोशिश की गई है कि निकाय चुनाव में मुस्लिम पूरी तरह से बसपा के पक्ष में आ जाए। इसी के चलते भारी संख्या में मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं। पहले चरण के चुनाव में बीएसपी की ओर से 10 में से 6 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं। जबकि दूसरी चरण में 7 में से 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। बीते चुनाव से यह संख्या काफी अधिक है।

खोए जनाधार को वापस पाने की कवायद जारी

ज्ञात हो कि बीते निकाय चुनाव में बसपा ने सिर्फ अलीगढ़ और बरेली में मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे थे। इसमें से अलीगढ़ में प्रत्याशी के द्वारा जीत भी दर्ज की गई थी। उसी फॉर्मूले को बड़ी संख्या में टेस्ट के तौर पर इस बार सामने लाया गया है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने एकजुट होकर बसपा को वोट नहीं किया था। यहां तक बसपा का काडर वोटर भी खिसक गया था। जिसके बाद अब बीएसपी चीफ उसी खोए हुए जनाधार को वापस लाने की कवायद में लगी हुई हैं। हालांकि यह तो चुनाव के परिणाम के बाद ही पता लगेगा कि उनका यह प्रयोग कितना सफल रहा है।

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