सार
हाथरस कांड में बरी होने के बाद तीन आरोपियों को शुक्रवार की सुबह जेल से रिहा किया गया। परिजनों को देख तीनों की आंखें नम नजर आईं। तीनों आरोपी 2020 से जेल में बंद थे।
अलीगढ़: हाथरस बिटिया प्रकरण में विशेष न्यायालय एससी-एसटी ने 4 में से 3 अभियुक्तों को बरी कर दिया है। शुक्रवार को इन तीनों को अलीगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया। इस बीच जब परिजन उन्हें लेने के लिए जेल पहुंचे तो बाहर आते वक्त सभी की आंखे नम थीं।
सुरक्षा कारणों के चलते सुबह हुई रिहाई
आपको बता दें कि हाथरस की विशेष न्यायालय एससी-एसटी ने बिटिया के प्रकरण में लवकुश, रामू और रवि को बरी कर दिया था। जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें जेल से रिहा किया गया। यह तीनों आरोपी अलीगढ़ की जेल में 2020 से बंद थे। जेलर पीके सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि रिहाई का परवाना शाम तकरीबन साढ़े छह बजे पहुंचा था। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए शाम को जाने से मना कर दिया गया था। लिहाजा शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे रामू, रवि और लवकुश को जेल से रिहा कर दिया गया। तीनों को लेने के लिए उनके परिजन वहां पर आए हुए थे। गुरुवार को मामले का फैसला आने के बाद बिटिया पक्ष के वकील ने कहा वह मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
अब तक क्या-क्या हुआ
- 14 सितंबर 2020 को चंदपा में एक युवती के साथ घटना हुई और उसे इलाजे के लिए अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
- पुलिस ने संदीप के खिलाफ जानलेवा हमले, एससी-एससी उत्पीड़न के तहत केस दर्ज किया।
- 19 सितंबर को आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया गया।
- 22 सितंबर 2020 को बिटिया के बयान के आधार पर गैंगरेप की धारा बढ़ाई गई और तीन और अभियुक्तों का नाम शामिल किया गया।
- 23 सितंबर को आरोपी लवकुश को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 25 सितंबर 2020 को आरोपी रवि की गिरफ्तारी की गई। इसी बीच कोतवाली निरीक्षक चंदपा को लाइन हाजिर किया गया।
- 26 सितंबर को चौथे आरोपी रामू की गिरफ्तारी की गई।
- सुनवाई के बाद 02 मार्च 2023 में तीन अभियुक्तों रवि, रामू और लवकुश को जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया।