Nag-Nagin Revenge Story: झांसी के चिरगांव क्षेत्र में 70 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम को अब तक 14 बार सांप ने डसा, हर बार वह इलाज और झाड़-फूंक से बच निकले। गांव में लोग इसे नाग-नागिन का बदला और रहस्यमयी घटना मान रहे हैं, जबकि डॉक्टर इसे संयोग बता रहे हैं।
Jhansi Ajab Gajab News: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के चिरगांव क्षेत्र में एक ऐसी घटना हुई है जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। ग्राम पट्टी कुम्हर्रा के 70 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम को एक बार फिर सांप ने डस लिया। खास बात यह है कि यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है, बल्कि सीताराम अब तक 14 बार सांप के डसने का शिकार हो चुके हैं। हर बार उन्होंने झाड़-फूंक और इलाज के जरिए मौत को मात दी है। इस रहस्यपूर्ण घटनाक्रम ने न सिर्फ गांववालों बल्कि आसपास के लोगों को भी चौंका दिया है।
पहली बार 45 साल पहले सीताराम को डसा था सांप
सीताराम ने बताया कि उन्हें पहली बार सांप ने 45 साल पहले डसा था। उस समय वह 25 साल के थे और गांव के एक वैद्य ने उनका इलाज किया था। इसके बाद लगभग हर ढाई-तीन साल में सांप आता है और उन्हें डस जाता है। सीताराम का कहना है कि उन्होंने कभी कोई सांप नहीं मारा, लेकिन यह रहस्य समझ नहीं आता कि आखिर सांप बार-बार उन्हीं को क्यों निशाना बनाता है।
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गांव में फैली तरह-तरह की कहानियां, अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
इस घटना को लेकर गांव में अजीबोगरीब कहानियां गढ़ी जा रही हैं। कोई इसे नागिन का बदला मान रहा है, तो कोई पिछले जन्म का पाप बता रहा है। कुछ लोग तो सीताराम को “नागों का शिकार” कहकर बुलाने लगे हैं। हाल ही में खेड़ापति हनुमान मंदिर से दर्शन कर लौटते वक्त भी सीताराम को झाड़ियों से निकले सांप ने डस लिया।
घटना के बाद लोग सीताराम को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि गांव में सांप का खौफ इतना बढ़ गया है कि लोग अब सीताराम के आसपास बैठने से भी कतराने लगे हैं।
बुजुर्ग सीताराम की हालत पर डॉक्टरों ने क्या कहा?
डॉक्टरों का कहना है कि यह घटनाएं इत्तफाक हैं। उनका मानना है कि सीताराम के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता असामान्य रूप से मजबूत है, जिसकी वजह से बार-बार सांप काटने के बावजूद उनकी जान बच जाती है। सीताराम का कहना है कि उन्हें इतने बार सांप डस चुका है कि अब डर ही खत्म हो गया है। वह खुले तौर पर कहते हैं कि सांप चाहे जितनी बार डस ले, अब उन्हें उससे कोई भय नहीं है।
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