यूपी के फतेहपुर में पुलिस ने डकैती व चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले ससुर व दामाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ससुर फकीर बनकर घरों की रेकी करता तो वहीं दामाद अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट को अंजाम देता।
प्रयागराज हिंसा के कथित मास्टर माइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर पर आज यानी 12 जून को बुलडोजर चला है। धवस्तीकरण मेें दो बुलडोजर मौजूद थे। बुलडोजर चलने को लेकर पीडीए ने 11 बजे तक का समय दिया था।
मेरठ में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर को मंजूरी मिलने के साथ यूपी के पहले डॉल्फिन पार्क के बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। सीएम ने यूपी में चार वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर्स को बनाने की मंजूरी दे दी है। तो वहीं दूसरी ओर मेरठ में डॉल्फिन पार्क को लेकर एक्शन प्लान मांगा है।
उत्तर प्रदेश में तमाम कवायदों के बाद भी बिजली घरों का कोयला संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। अगर यही स्थिति रही तो बरसात के मौसम में कोयले के अभाव में कई इकाइयों को बंद करने की भी नौबत आ सकती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा विगत दिनों कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, अंबेडकर नगर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक शांति-सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया।
जावेद उर्फ पंप ने ही युवाओं को भड़काया और पुलिस पर पत्थरबाजी के लिए उकसाया था। जावेद की बेटी जेएनयू में पढ़ती है और सीएए एनआरसी प्रदर्शन के दौरान भी उसने भड़काऊ भाषण दिया था। इसकी भी जांच चल रही है।
कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार शहर भर में अवैध निर्माण ध्वस्त कराए जा रहे है।
दोनों उपद्रवियों रईस और मुजम्मिल को जब पुलिस गिरफ्तार करने गई तो पता चला कि दोनों के मकान अवैध रूप से बिना नक्शा पास कराए बने हुए थे। सहारनपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम और पुलिस की टीम ने जेसीबी बुलाकर क्षेत्र के खाता खेड़ी और 52 फुटा रोड स्थित दोनों आरोपियों के मकान पर जेसीबी चलाई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में कई सीनियर पीपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है। ये सभी अधिकारी डिप्टी एसपी रैंक के बताए जा रहे थे। शासन ने एक साथ कई अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया है।
सुफियान निजामी ने कहा कि हिंसा के रास्ते को अपनाने से न तो मुसलमानों का फायदा होगा और ना ही मुल्क का फायदा हो सकता है। इसलिए हमें इन साजिशों को समझना होगा। हमें इन साजिशों को समय रहते समझने की जरूरत है। हमें कानून और संविधान के दायरे में रहकर ही अपनी बात रखनी चाहिए।