कानून के जानकारों का कहना है कि एसआईटी इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में काम कर रही है। वह अपनी रिपोर्ट 23 सितंबर को हाईकोर्ट में जमा कर सकती है। इसके बाद ही स्वामी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, यूपी में युवा नौकरियां निकलने का इंतजार कर रहे हैं। धूप-बारिश में खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन रोजगार के नाम पर बीजेपी सरकार मुंह फेर लेती है। वो कहते हैं कि उत्तर भारत के युवाओं में योग्यता नहीं।
सावित्री कठेरिया ने बताया, उन्हें अब तक चार बार धमकी मिल चुकी है। सितंबर 2017 में दिल्ली में पत्थर मारकर गाड़ी का शीशा तोड़ा गया था। 28 और 29 अप्रैल को भी जान माल की धमकी मिली थी।
मोहसिन ने कहा, पाकिस्तान में आतकंवाद की नर्सरी लगती है। धारा 370 हमें पहले ही हटा देना चाहिए था। लेकिन हमसे पहले की सरकार ने कभी हिम्मत ही नहीं जुटाई। हमारी सरकार ने धारा 370 को हटाकर पड़ोसी देश की कमर तोड़ दी।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया, घटना हरदोई जिले के कोतवाली शहर इलाके के भदेसा गांव की है। जानकारी के मुताबिक, रविवार (15 सितंबर) भदेसा का रहने वाला अभिषेक (24) अपनी प्रेमिका से चोरी-छिपे मिलने उसके घर पहुंचा था।
वर्तिका सिंह की याचिका स्वीकार करते हुए जेएम सेकंड ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया। वर्तिका ने धारा 156/3 के तहत जेएम द्वितीय कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें इकबाल अंसारी पर देशद्रोह व कई अन्य मामलों में केस दर्ज करने की मांग की गई थी।
जया ने कहा, अखिलेश कहते हैं कि उनकी सरकार बनी तो वो आजम के खिलाफ लगे सभी केस वापस ले लिए जाएंगे। लेकिन ऐसा होगा नहीं, क्योंकि अब वो कभी सीएम बन ही नहीं पाएंगे। मोदी जी ऐसे नेता हैं, जो लोगों के लिए काम करते हैं, इसलिए लोग उन्हें वोट देते हैं।
यूपी के कैबिनेट मंत्री रह चुके राजभर ने कहा, सत्तारूढ़ बीजेपी ने प्रदेश की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में फायदा लेने के लिये 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने का नाटक रचा।
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश में 17 ओबीसी जातियों को जबर्दस्ती एससी घोषित करने पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने की खबर आज स्वाभाविक तौर पर बड़ी सुर्खियों में है। घोर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसे फैसलों से किसी पार्टी/सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन पूरा समाज इससे प्रभावित होता है।
न्यायमूर्ति अनंत कुमार ने यह नोटिस वकील विजय प्रकाश श्रीवास्तव की याचिका पर जारी की है। याचिका में विजय ने कहा था, उसने जन सृजन पार्टी से लखनऊ संसदीय क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया था, जिसे रिटर्निंग ऑफिसर और डीएम लखनऊ ने नियम के खिलाफ जाकर खारिज कर दिया था।