हाथरस में हुई घटना के बाद जांच पड़ताल जारी है। इस बीच पांव छूने के लिए मची होड़ समेत हादसे के 3 प्रमुख कारण सामने आए हैं। बताया जा रहा है बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से ही हादसा हुआ।
हाथरस में आयोजित सत्संग में 122 लोगों का जिम्मेदार आखिर कौन है। हादसे की आखिरकार क्या वजह थी इसके कारणों को लेकर फिलहाल कई सारे आकलन किए जा रहे हैं। फिलहाल आयोजन स्थल के एंट्री और एग्जिट गेट का रास्ता छोटा होने की भी बात की जा रही है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सूबे के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिले के सारे मोर्चरी लाशों से ओवरफ्लो कर रही हैं।
इंटेलिजेंस ब्यूरो की नौकरी छोड़कर भोले बाबा से नारायण साकार बने बाबा के हाथरस सत्संग के बाद लाशों का ढेर लग गया। उनके की भक्तों की मौत हो गई। लेकिन भोले बाबा का अभी तक कोई पता नहीं है। आइए जानते हैं आखिर कौन है, भोले बाबा से नारायण साकार हरि बना बाबा
हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 150 से ज्यादा घायल हैं। हादसा इतना भयावह है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में सैकड़ों निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस दौरान 150 के करीब लोग घायल हो गए। मरने वालों को पास के एटा मेडिकल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
hathras incident news उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। बताया जाता है कि हादसे में मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
हाथरस में सत्संग के दौरान मचे भगदड़ (Hathras satsang stampede) के चश्मदीद ने बताया है कि घटना कैसे घटी। भीड़ अधिक थी और रास्ता तंग, सड़क के बगल में नाला था। भगदड़ मची तो लोग नाले में गिरने लगे, जिससे उनकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि 150 से अधिक घायल हैं। हादसा हाथरस से 47 KM दूर फुलरई गांव में हुआ। डालते हैं भगदड़ के चलते देश के 10 सबसे बड़े हादसों पर एक नजर।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। रतिभानपुर में नारायण साकार बाबा के सत्संग समापन के दौरान भगदड़ मच गई और इस घटना में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। सिकंदराराऊ अस्पताल में लाशों का ढेर लगा है।