सार
ब्राह्मण महासभा ने साईं बाबा को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। सनातन धर्म का विरोधी बताकर उनकी प्रतिमाओं को बनारस के मंदिरों से हटाया जा रहा है।
वाराणसी। साईं बाबा को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा रहा है। बनारस के करीब 14 मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमाओं को हटाया जा रहा है। यह ब्राह्मण महासभा के विरोध के चलते किया जा रहा है। साईं बाबा की मूर्तियों को हटाए जाने से हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, ब्राह्मण महासभा ने कहा कि साईं बाबा सनातन विरोधी रहे हैं। उनकी मूर्तियों का पूजन प्रेत पूजा माना जाता है। महासभा के विरोध के बाद मंदिरों से मूर्तियों को हटाया जा रहा है।
कहां से मूर्तियां हटाई गईं?
बनारस के प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर सहित 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दी गई हैं। सनातन रक्षक सेना के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि अब तक 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटाई जा चुकी हैं। अभी अन्य मंदिरों से भी साईं बाबा की प्रतिमा हटाई जाएगी। साईं की मूर्ति को बड़ा गणेश मंदिर परिसर में आनंदेश्वर महादेव की मूर्ति के बगल में 2013 में स्थापित किया गया था। वे साईं की मूर्ति की परिक्रमा करते थे लेकिन छह साल पहले उन्होंने इसे बंद कर दिया। साईं की पूजा का मतलब भूत पूजा होता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के मंदिरों से साईंबाबा की मूर्ति हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
दरअसल, कुछ हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि साईं बाबा मुस्लिम थे और उनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं था। संगठनों का तर्क है कि वे साईं बाबा की पूजा का विरोध नहीं करते हैं लेकिन वे मंदिरों में उनकी मूर्तियां स्थापित नहीं होने देंगे। हिंदू संगठनों का कहना है कि साईं बाबा को "चांद बाबा" कहा जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों की मानें तो मूर्तियों को हटाए जाने का कोई विरोध नहीं हुआ। हालांकि, काफी लोगों में नाराजगी जरूर है। इस दौरान कोई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद नहीं रहा।
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