CM बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत कामकाजी बच्चों को शिक्षा,आर्थिक सहायता दी जा रही है। पहले चरण में 20 जिलों के 2000 बच्चों को शामिल किया गया है। बालकों को 1000, बालिकाओं को 1200 रुपये और प्रत्येक कक्षा पास करने पर 6000 रुपये प्रोत्साहन मिल रहा है।

बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रम विभाग ने मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना को तेज गति से लागू किया है। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षा और आर्थिक सहयोग देना है, जो परिवार की मजबूरी के कारण ढाबों, होटलों, फैक्टरियों या अन्य स्थानों पर काम करते हैं।

योजना के पहले चरण में प्रदेश के 20 जिलों को चुना गया है, जिनमें बरेली भी शामिल है। प्रत्येक जिले में 100 बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है। सहायक श्रमायुक्त बाल गोविंद के अनुसार, बरेली में अब तक 500 बच्चों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। उनका कहना है कि योजना का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा मजबूरी में मजदूरी न करे और सुरक्षित वातावरण में पढ़ सके।

सबसे पहले सहायता उन बच्चों को मिलेगी जिन्हें परिवार का सहारा नहीं

शासन ने बच्चों के चयन के लिए नौ प्राथमिकता श्रेणियां निर्धारित की हैं। सबसे पहले प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी, जिनके माता-पिता दोनों नहीं हैं और परिवार की पूरी आय उन्हीं पर निर्भर है। इन श्रेणियों में वे बच्चे शामिल हैं:

  • जिनके पिता का निधन हो गया हो
  • जिनके माता-पिता स्थायी दिव्यांग हों
  • माता-पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हों
  • विधवा या तलाकशुदा माता के बच्चे
  • जिनकी माता का निधन हो चुका हो
  • भूमिहीन परिवारों के बच्चे

सभी श्रेणियों में वही बच्चे शामिल किए जाएंगे, जो श्रम विभाग के सर्वे में कामकाजी पाए गए हों।

पहले चरण में 20 जिलों में लाभ, कुल 2000 बच्चों को लक्ष्य

पहले चरण में उत्तर प्रदेश के जिन 20 जिलों को चुना गया है, उनमें आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, बलिया, लखनऊ, बाराबंकी, बरेली, बदायूं, गाजियाबाद, गोरखपुर, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, मुरादाबाद, सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी और गाजीपुर शामिल हैं।

इन जिलों में प्रति जिला 100 बच्चों को सहायता दी जा रही है। इस तरह पहले चरण में कुल 2000 बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य है। बच्चों को दिए जा रहे लाभ:

  • बालक: प्रति माह 1000 रुपये
  • बालिका: प्रति माह 1200 रुपये
  • कक्षा 8, 9 और 10 पास करने पर: प्रत्येक कक्षा पर 6000 रुपये प्रोत्साहन राशि

यदि बच्चा लगातार पढ़ाई जारी रखता है, तो यह सहायता नियमित रूप से मिलती रहेगी।