पोर्ट सूडान हवाईअड्डे पर रविवार देर रात एक यात्री विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। हादसे में नौ यात्रियों की मौत गई। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के कारण हादसा हुआ है।
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि भारत कैसे सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्कयू कर रहा है और कौन सा देश भारत की मदद कर रहा है?
सूडान से मुंबई पहुंचे लोगों ने भारतीय दूतावास की जमकर तारीफ की और बताया कि कैसे सीमित कर्मचारी होने के बावजूद भारतीय दूतावास ने बिने रुके 24 घंटे काम किया।
C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान की एकमात्र महिला पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट हर राज कौर बोपराय सूडान में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस ला रही हैं।
सूडान में भारत के कई आर्थिक हित हैं। ऐसे में अगर वहां जारी संघर्ष लंबा चलता है, तो इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। सूडान में युद्ध लंबा होने पर वहां से आने वाले कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है।
सूडान हो रही हिंसा की नींव साल 2019 में रखी गई थी। उस समय देश में ओमर अल-बशीर की सरकार थी और वह सूडान के राष्ट्रपति थे।
सूडान में जारी हिंसा (Sudan Crisis) के बीच फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri) शुरू हो गया है। भारतीयों का पहला जत्था लेकर नौसेना का युद्ध पोत आईएनएस सुमेधा (INS Sumedha) जेद्दाह पहुंचा है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ट्वीट किया कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है। करीब 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं।
सूडान में फंसे करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना के दो विमान और नौसेना का एक जहाज तैयार है। दोनों विमान जेद्दाह में स्टैंडबाई पर हैं। वहीं, जहाज सूडान पोर्ट पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति की समीक्षा के लिए हाई लेवल बैठक कर रहे हैं। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद हैं।