प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव के बाद अब राजस्थान मिशन 2023 शुरू कर दिया है। इसलिए वह लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं। आज उनकी अजमेर में उनकी बड़ी रैली है।
Nirjala Ekadashi 2023: इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई, बुधवार को है। धर्म ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार निर्जला एकादशी पर कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Aaj Ka Panchang: 31 मई, बुधवार को चित्रा नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग बनेगा। इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:24 से 2:04 तक रहेगा।
Nirjala Ekadashi Par Kya Na Kare:ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 31 मई, बुधवार को है। शुभ फल पाने के लिए इस दिन कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
Nirjala Ekadashi 2023 Date: इस बार निर्जला एकादशी का व्रत मई 2023 में किया जाएगा। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी का वर्णन कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
May 2023 Festival Calendar: साल 2023 का पांचवा महीना मई कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें शनि जयंती, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी आदि प्रमुख हैं।
हिंदू धर्म में वैसे तो हर एकादशी का अपना अलग महत्व बताया गया है, लेकिन इन सभी में निर्जला एकादशी का महत्व सबसे अधिक है, क्योंकि इसके नियम बहुत कठिन हैं।
हिंदू धर्म में हर तिथि का एक विशेष महत्व बताया गया है। इन सभी तिथियों में एकादशी तिथि का महत्व सबसे अधिक है क्योंकि इसके स्वामी स्वयं भगवान विष्णु है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का महत्व साल भर में आने वाली सभी 23 एकादशियों से अधिक माना गया है।
हिंदू धर्म में हर तिथि का अलग महत्व बताया गया है। इन सभी में एकादशी तिथि को श्रेष्ठ कहा गया है क्योंकि इसके स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है साथ ही व्रत भी रखा जाता है।