उत्तर प्रदेश से मानसून अब पूरी तरह से विदाई की तैयारी में है। पूर्वांचल को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों से मानसूनी बारिश थम गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम और पूर्वी यूपी से आजकल में मानसून की वापसी की स्थितियां अनुकूल हैं।
उत्तर प्रदेश से बारिश का दौर लगभग खत्म हो गया है। कुछ हिस्सों में मामूली बरसात को छोड़ दिया जाए, तो बाकी प्रदेश में मानसूनी बारिश रुक चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर खत्म होने के साथ ही मानसून की विदाई भी होने लगी है।
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय होने कई जिलों में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है। मौसम विभाग ने अमेठी, अयोध्या, बस्ती, गोंडा आदि में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
उत्तर प्रदेश में तेज बारिश को विराम लगा हुआ है। IMD का पूर्वानुमान है कि 3 सितंबर तक प्रदेश में ऐसा ही मौसम बना रहेगा। यानी मौसम विभाग ने बारिश को लेकर किसी भी प्रकार की चेतावनी नहीं दी है। बस, पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest monsoon) दिल्ली और मुंबई से आगे बढ़ गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्ताखंड समेत कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हफ्तेभर की देरी से 8 जून को केरल पहुंच चुका है। वैसे आमतौर पर यह 1 जून को पहुंचता है। दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बादल छाए हुए हैं। केरल में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। मानसून पूर्वोत्तर की तरफ बढ़ गया है।
भारत मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून तय तारीख पर केरल नहीं पहुंच सका है। इसे 4 जून को यहां पहुंच जाना था। विभाग ने तीन से चार दिनों की और देरी की आशंका जताई है।
मौसम विभाग(IMD) और मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वोत्तर भारत में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
राजस्थान में एक के बाद एक एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। इसके चलते अप्रैल माह का पहला दिन ही ठंडा बीता। कई शहरों में बारिश से लोगों के वाहन बहने लगे, फसलें बर्बाद हो गई। देखें वाहनों के बहने का वीडियो।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि राजस्थान पर एक प्रतिचक्रवात(anticyclone) बन रहा है, जिससे उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ और हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अब अनुकूल होती जा रही हैं।