सार

 एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जबकि सोमवार के स्वामी शिवजी हैं। एकादशी और सोमवार का योग होने से विष्णुजी के साथ ही शिवजी की भी पूजा करनी चाहिए।

उज्जैन. आगामी सोमवार यानी 9 सितंबर को जलझूलनी एकादशी है। एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जबकि सोमवार के स्वामी शिवजी हैं। एकादशी और सोमवार का योग होने से विष्णुजी के साथ ही शिवजी की भी पूजा करनी चाहिए। इस विरले योग पर आप इन आसान तरीकों से भगवान की कृपा पा सकते हैं।

- एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और नहाने के बाद ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। 
- एकादशी पर शिव मंदिर जाएं और झंडे का दान करें। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और 108 बार श्रीराम नाम का जाप करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं, काला तिल चढ़ाएं।
- इस दिन सूर्यास्त के बाद हनुमानजी के सामने दीपक जलाएं और सीताराम-सीताराम मंत्र का जाप 108 बार करें।
- एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं। विष्णुजी के साथ ही महालक्ष्मी की पूजा भी करें। पूजा में गोमती चक्र, पीली कौड़ी, दक्षिणावर्ती शंख अवश्य रखें।


इन तरीकों से पाएं भगवान विष्णु की कृपा 

- सोमवार की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर किसी मंदिर जाएं या घर में ही भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। 
- व्रत करने वाले व्यक्ति को दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, अगर ये संभव न हो तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।
-किसी ब्राह्मण से पूजा करवाना लाभदायक रहता है। भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद चरणामृत ग्रहण करें। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप अवश्य करें। 
- भगवान को फूल, धूप, नैवेद्य आदि सामग्री चढ़ाएं। दीपक जलाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। व्रत की कथा सुनें। दूसरे दिन यानी द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।