सार
आज (10 जुलाई, शनिवार) आषाढ़ मास की अमावस्या है। शनिवार को अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या का योग इस दिन बन रहा है। इस शुभ योग में शनिदेव की पूजा करना और उनके निमित्त दान करना बहुत ही विशेष फल प्रदान करता है।
उज्जैन. शनि इस समय मकर राशि में स्थित हैं ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशियों पर ढय्या लगी हुई है। परेशानियां से बचने के लिए इन राशियों को आगे बताए गए उपाय करना चाहिए…
1. शनिश्चरी अमावस्या के शुभ योग में सुबह जल्दी स्नान आदि करने के बाद शनि मंदिर जाकर साफ-सफाई करें और शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। नीले फूल अर्पित करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
2. शनिश्चरी अमावस्या पर व्रत भी रख सकते हैं। दिन भर भूखा रहने के बाद काले तिल की खिचड़ी का भोग पहले शनिदेव को लगाएं बाद में स्वयं खाएं।
3. परेशानियों को कम करने के लिए शमी वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।
4. शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
5. शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है। शनिदेव को समर्पित इस मंत्र को श्रद्धा के साथ जपने से निश्चित रूप से आपको लाभ होगा।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
6. शनि अमावस्या पर कुष्ठ रोगियों को तेल में पका भोजन दान करें। साथ ही जूते-चप्पल आदि चीजें भी दान करें।
7. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहता है।
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