सार

Kunwara Panchani 2022: धर्म ग्रंथों में श्राद्ध की अलग-अलग तिथियों का महत्व बताया गया है। किस तिथि पर किसका श्राद्ध प्रमुख रूप से करना चाहिए, इसका वर्णन भी पुराणों में है। इसी क्रम में श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि को कुंवारा पंचमी कहते हैं।
 

उज्जैन. इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है, जो 25 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध (Shradh Paksha 2022) की कुछ तिथियां बहुत ही खास मानी गई है। उन्हीं में से एक है पंचमी तिथि। इसे कुंवारा पंचमी (Kunwara Panchani 2022) भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन अविवाहित मृत परिजन यानी कि जिनकी मृत्यु विवाह से पूर्व हुई हो उनका तर्पण, पिंडदान किया जाता है। इसीलिए इसे कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस बार ये तिथि 14 सितंबर, बुधवार को है।

जानें कब से कब तक रहेगी पंचमी तिथि?
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 14 सितंबर, बुधवार की सुबह 10.25 से 15 सितंबर, गुरुवार की सुबह 11 बजे तक रहेगी। चूंकि श्राद्ध के लिए शुभ समय यानी कुतप काल दोपहर 11.58 से 12.47 तक रहेगा। इसलिए 14 सितंबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। इस दिन ध्रुव व हर्षण नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।

कुंवारे ब्राह्मण को बुलाएं भोजन पर
श्राद्ध में ब्राह्मण भोज का विशेष महत्व बताया गया है। कुंवारा पंचमी पर यदि आप अपने किसी अविवाहित परिजन का श्राद्ध कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जिस भी ब्राह्मण को भोजन के लिए आमंत्रित कर रहे हों, वह भी कुंवारा हो। आमंत्रित ब्राह्मण को स्वादिष्ट भोजन करवाएं और अपनी इच्छा अनुसार, कपड़े, बर्तन, अनाज भेंट करें। इसके बाद दक्षिणा के रूप में कुछ पैसे भी जरूर दें। पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से पितरों की कृपा आप पर बनी रहेगी।  

इन बातों का भी रखें खास ध्यान
1.
भोजन शुद्धतापर्वक बना होना चाहिए। खीर के लिए गाय के दूध का उपयोग करें।
2. ब्राह्मण को जो भी चीजें दान करें, वह पूरी तरह से नई होना चाहिए यानी इस्तेमाल की हुई न हो।
3. भोजन में लहसुन-प्याज व गरम मसाले आदि का उपयोग न करें। 
4. स्वयं भोजन करने से पहले गाय, कौए और कुत्ते के लिए भोजन निकलें।
5. अगर इस दिन कोई आपके घर भोजन की आशा से आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं।


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