सार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, वायुमण्डल में सिर्फ दो ऊर्जायें हैं। एक नकारात्मक ऊर्जा और दूसरी सकारात्मक ऊर्जा। इन दोंनो का प्रवाह निरंतर बहता रहता है। हमें स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रहने के लिए सकारात्मक ऊर्जा की अधिक से अधिक जरूरत होती है।
उज्जैन. वास्तु का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है, इसलिए भवन का निर्माण इस प्रकार कराना चाहिए कि उसमें प्रकाश व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सर्वाधिक हो। आगे जानिए वास्तु के कुछ ऐसे टिप्स जिनसे मकान का वास्तु दोष कम हो सकता है...
1. भवन में नैऋृत्य कोण को भारी रखना चाहिए क्योंकि ऊर्जा का संचय इसी कोण में होता है। यह ऊर्जा भवन के लिए लाभप्रद होती है।
2. घर के मध्य भाग में या ब्रम्ह स्थल में कोई दोष हो तो आप मध्य भाग में एक क्रिस्टल रख देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
3. भवन के बाहर मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से बचें। घर के ईशान कोण में फर्श पर दरी या कालीन न बिछायें।
4. भोजन बनाते समय गृहणी का मुंह पूर्व दिशा में तथा यदि रसोइया भोजन बना रहा है तो उसका मुंह उत्तर दिशा में होना चाहिए।
5. सुबह-शाम घर में घण्टी अवश्य बजानी चाहिए, इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
6. यदि आपकी रसोई में पानी व चूल्हा पास-पास है तो इन दोनों के मध्य लकड़ी की कोई भी वस्तु रख देंने से वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
7. घर में वास्तु दोष के कारण संतान बीमार रहती है तो पीपल के पेड़ पर जल चढ़ायें और पहली रोटी गाय को खिलाएं।
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