सार

यूपी के गोरखपुर में मुर्दे के नाम पर कारोबार का खेल उजागर हुआ। हैरान करने वाली बात है कि एक साल पहले मौत के बाद भी बड़े आराम से कमीशन का पैसा भी निकल गया। हालांकि जांच के बीच में उस पैसे को फिर से जमा करवाया गया। 

गोरखपुर: डाक विभाग में मृतक के नाम पर एक और घोटाला सामने आया है। सामने आया नया मामला रेलवे स्टेशन उप डाकघर से संबंधित है। यहां महिला बचत एजेंट के स्वर्गवासी हो जाने के एक साल बाद तक उसके कोड पर कारोबार होता रहा और कमीशन भी बनता रहा। यह कारोबार कोई 2-4 हजार या लाख का नहीं बल्कि 50 लाख का हुआ। इसमें 1.80 लाख का कमीशन भी बना। इस कमीशन को डाकघर के कर्मचारियों ने ही निकाल लिया। जब मामले की जानकारी हुई और दबाव बना तो कमीशन को वापस जमा कर दिया गया। इस मामले में घोटाले की जांच प्रवर अधीक्षक डाक ने शुरू कर दी है।

सालभर तक महिला के कोड पर चलता रहा कारोबार
आपको बता दें कि रेलवे स्टेशन उप डाकघर में बशारतपुर निवासी संगीत सिंह बतौर एजेंट कार्य करती थीं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उनकी मौत दूसरी लहर के दौरान हो गई थी। नियमतः एजेंट की बचत एजेंसी उसके निधन के बाद निरस्त होनी थी लेकिन उप डाकघर के कर्मचारी सालभर तक महिला एजेंट के कोड पर कारोबार करते रहें। इस मामले में प्राथमिक जांच के अनुसार महिला एजेंट की बहन की मदद से डाकघर के जिम्मेदारों ने कमीशन की रकम की भी निकासी कर ली। हालांकि भुगतान बाउचर को लेकर जब विवाद हुआ तो उप डाकघर के लिपिक ने अपने बचाव के प्रवर अधीक्षक डाक को मामले से अवगत करवाया। 

वापस जमा करवाई गई निकासी की रकम 
इस घटना के सामने आने के बाद प्रवर अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित की है। जैसे ही प्रकरण में जांच का दबाव बना तो कमीशन की रकम को वापस जमा करवा दिया गया। ज्ञात हो कि इससे पहले भी एक डाककर्मी के द्वारा दो वर्ष से स्वर्गवासी पिता की पेंशन निकालने का मामला सामने आया था। वहीं अब सामने आए एक और मामले के बाद मकहमें में खलबली मच गई है। 

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