सार
यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी और केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों पर किसानों की हत्या का केस चलेगा। मामले में 16 दिसंबर से मामले का ट्रायल शुरू होगा।
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले में मुख्य आरोपी व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चर्चित मामले में आशीष समत 14 आरोपियों पर किसानों की हत्या का केस चलेगा। दरअसल कोर्ट ने मामले में दाखिल चार्जशीट के आधार पर इन सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले को लेकर 16 दिसंबर से ट्रायल शुरू होगा। बता दें कि तीन अक्टूबर 2021 को शहर के तिकुनिया में किसानों को कार से कुचला गया था। उसमें से चार किसानों समेत आठ की मौत हो गई थी।
दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद याचिका की थी खारिज
सोमवार को अदालत ने आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों को डिस्चार्ज एप्लिकेशन खारिज कर दी थी। इन सभी को ओर से करीब सात महीने पहले डिस्चार्ज एप्लिकेशन दायर की थी, जिसमें आरोपी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हटाने की कोर्ट से अपील की थी। उसके बाद 29 नवंबर को डिस्चार्ज डिस्चार्ज एप्लिकेशन पर सुनवाई पूरी हो गई थी। फिर बीते सोमवार यानी पांच दिसंबर को दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने इसे खारिज कर दिया। मामले की जांच करते हुए एसटीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने सभी आरोपियों पर से इन धाराओं में से सेक्शन 34 हटा दिया है।
केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर हो रहा था विरोध
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के दौरान अक्टूबर 2021 हिंसा हुई, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी। पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे के मुताबिक घटना में चार किसानों की एक एसयूवी से कुचल कर मौत हो गई थी, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे हुए थे। इस घटना के बाद आक्रोश से भरे किसानों ने वाहन चालक और बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। दूसरी ओर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों और विपक्षी दलों के प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत को किया था रद्द
तिकुनिया हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारी केंद्र के उन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद आशीष मिश्रा जमानत पर बाहर आ गया था। फिर आशीष मिश्रा की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत रद्द करते हुए यह केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए सिरे से विचार के लिए भेज दिया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी। मामले में आशीष मिश्रा को सबसे पहले नामजद किया गया था। इसके बाद SIT की जांच में बाकी नाम आए थे।
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